धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में आईजी भवन के निर्माण मामले में अब विरोध तेज होता हो जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को भी शहरवासी कचहरी में इक्टठा हुए और भवन निर्माण कार्य को बंद करने की मांग उठाई। गुस्साए लोगों ने चेतावनी दी कि समय रहते इस कार्य को नहीं रोका गया तो धर्मशाला की जनता सड़कों पर उतरने में गुरेज़ नहीं करेगी और यदि हालात बिगड़ते हैं उसकी जिम्मेदार सरकार और पुलिस प्रशासन होगा।
शहर के लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाए कि पुलिस इस ग्राउंड को खत्म करने पर तुली हुई है और जबरदस्ती तानाशाही कर भवन का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण के लिए पहले भी बास्केट बॉल के कोर्ट को उखाड़ा गया। यदि जल्द इसका निर्माण नहीं रोका गया तो आने वाले समय में खिलाड़ियों को खेलने की जगह नहीं बचेगी और खिलाड़ियों को कैसे बढ़ावा मिलेगा।
पुलिस से जनता ने मांगा हिसाब
इस दौरान गुस्साए लोगों ने पुलिस प्रशासन को सवालों को घेरे में खड़े करते हुए कहा कि धर्मशाला का हनुमान मंदिर में चढ़ने वाला पैसा पुलिस के अधीन है। पुलिस इन पैसों को हिसाब जल्द सार्वजनिक करे। वहीं, पुलिस ग्राउंड से जो पैसे पुलिस विभाग को मिले हैं, उस इनकम को भी सार्वजनिक कर स्पष्टीकरण पेश किया जाए।
पीएम मोदी को लिखा था पत्र
इस मामले में लोगों ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर काम बंद करने की मांग की। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल मुख्य सचिव को निर्देश दिए थे कि इस मामले की जांच कर पूरी स्थिति स्पष्ट कर पीएमओ की वेबसाइट पर अपलोड की जाए। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी निर्माण कार्य बंद करने के आदेश दिए थे, लेकिन वे मौखिक रहे और उसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई।