प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में उस वक्त हड़कंप मच गया जब वहां अचानक ड्रग इंस्पेक्टर की टीम स्टोर में छापेमारी करने पहुंची। ड्रग इंस्पेक्टर की टीम ने स्टोर में जाकर जहां दवाइयों की जांच को तो वहीं इंजेक्शन इमोक्सोपेरिन के सैंपल भरे और जांच के लिए कंडाघाट भेजे। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि इंजेक्शन के सैंपल भरे हैं रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बता दें कि आईजीएमसी में खून पतला करने वाले जिस इंजेक्शन के इस्तेमाल से रिएक्शन होने का मामला सामने आया था उसी इंजेक्शन का सैंपल आज ड्रग इंस्पेक्टर शिमला की टीम द्वारा आईजीएमसी में जांच के लिए भरा गया है। अभी भी टीम आईजीएमसी में सैंपल जांच कर रही है जिसमें उस उक्त इंजेक्शन को जांच के लिए लिया जा रहा है जिसकी शिकायतें अस्पताल से आ रही थी कि इस इंजेक्शन से रिएक्शन हो रहा है। छापेमारी की टीम में दवा निरीक्षक सोनम के साथ दवा निरीक्षक पुष्पेंद्र गौतम और सहयोगी गौरी की टीम शामिल है।
बताया जा रहा है कि सरकारी सप्लाई में यह इंजेक्शन आ रहा था। यह भी बताया जा रहा है कि भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत इंजेक्शन का उत्पादन और वितरण किया जा रहा था। दवा निरीक्षक की टीम का कहना है कि दवा की जांच को लेकर दवा को कंडाघाट लैब भेजा जाएगा उसके बाद ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। आईजीएमसी के स्टोर इंचार्ज डॉ राहुल गुप्ता ने बताया कि यह सैंपल करवाये गए हैं ताकि दवाई की गुणवत्ता बनी रहे।