सेब बागवानी की तर्ज पर हिमाचल के मैदानी इलाको में आम, लीची और नीम्बू के प्रजातीय फलों की पैदावार करने वाले किसानों को भी हाई-टेक बागवानी की सुविधा मिलेगी। इसके लिए विश्व बैंक पोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी परियोजना बागवानों को जागरूक कर रही है। इस स्कीम को राज्य के सभी जिलों के बागवान किसानों को जुड़ने के लिए 'किसान समूह' बनाया जाएगा। जिसमें किसानों को बेहतर फल-पौध उपलब्ध कराने से लेकर उनके उत्पादों को बाजार में अच्छी कीमत दिलाने के लिए जानकारी दी जाएगी।
राज्य के किसानों को जागरूक करने के लिए परियोजना का एक्सपर्ट ग्रुप हर जिले में बागवान अधिकारियों को इस स्कीम की बारीकियों से अवगत करा रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में ट्रेनिंग देने के बाद एक्सपर्ट ग्रुप ने हमीरपुर में किसानों को जानकारी दी। इस स्कीम के तहत शीतोष्ण इलाकों में सेब, नाशपाती, आडू, प्लम,चेरी और अखरोट के साथ-साथ सबट्रोपिकल इलाकों में आम, लीची और निंबु प्रजाति के फलों की सघन बागवानी को बढ़ावा देना है।
हमीरपुर के बागवानी उपनिदेशक के कार्यालय में आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों के दल ने सघन बागवानी तकनीक और वैज्ञानिक सिंचाई व्यवस्था को लेकर मंथन किया। इसके साथ ही सघन बागबानी से होने वाले आर्थिक लाभ और पर्यावरणीय और सामजिक संतुलन को लेकर भी चर्चा की गई।