Follow Us:

हिमाचल वित्त निगम होगा बंद, कर्मचारी जाएंगे SIDC में

नवनीत बत्ता |

हिमाचल सरकार ने उद्योगों को कर्ज़ा देने के लिए बनाए गए प्रदेश वित्त निगम (एचपीएफसी) को बंद करने की तैयारी कर ली है। मुख्य सचिव बीके अग्रवाल ने इसकी संपत्तियों, कर्मचारियों का राज्य औद्योगिक विकास निगम (एचपीएसआईडीसी) में विलय करने को तकनीकी रिपोर्ट मांगी है। इसके बंद किए जाने का कारण यह है कि जिस उद्देश्य से वित्त निगम स्थापित किया था, अब यह उसे पूरा नहीं कर रहा है।

उद्योगपतियों ने कारोबार चलाने के लिए जो कर्ज़ लिया था, वह भी इसे वापिस नहीं कर रहे हैं। निगम के बकाएदारों के पास 132.62 करोड़ रुपये फंस गए हैं, जिनकी वापसी मुश्किल है। वित्त निगम ने 543.40 करोड़ रुपये का कर्ज़ दे रखा है। हालांकि, लोन देने से पहले निगम ने उद्योगपतियों की संपत्ति गिरवी रखी थी, लेकिन संपत्ति की कीमत कर्ज़ से कहीं कम है या फिर मुकदमेबाजी शुरू हो हो गई है।

ऐसे में निदेशक मंडल ने निगम को एचपीएसआईडीसी में विलय करने का विचार किया है। बुधवार को मुख्य सचिव बीके अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई निगम की 52वीं बैठक में इसका खुलासा हुआ है। राशि रिकवर ना होने पर साल 2018-19 में वित्त निगम ने लोगों का कोई भी कर्ज़ मंजूर नहीं किया। वित्त निगम की स्थापना छोटे और मध्यम औद्योगिक इकाइयों को कर्ज़ देने के लिए की थी। मुख्य सचिव बीके अग्रवाल ने बताया कि निगम को बंद कर कर्मचारियों और संपत्ति के विलय की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

वित्त निगम अलग एक्ट तो एपीएसआईडीसी अलग कानून के तहत स्थापित है। इसीलिए तकनीकी रिपोर्ट मांगी है।  वित्त निगम 1998-99 से घाटा उठा रहा है। निगम को सरकार से भी हिस्सेदारी सहयोग मिलना बंद हो गया है। वित्त निगम ने राज्य के 4,521 लोगों को ऋण दे रखा है। निगम बंद करने की प्रक्रिया शुरू करने का कारण मुख्य कारण कई संस्थाओं से सहयोग न मिलना भी है। एलआईसी, एचआरटीसी, कई बैंकों आदि की इसमें हिस्सेदारी है।