हिमाचल प्रदेश ने पूरे देश में ई-संजीवनी पोर्टल पर सबसे अधिक परामर्श पंजीकृत करने में तीसरा स्थान हासिल किया है। हिमाचल प्रदेश ने ई-संजीवनी और ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से 24,527 परामर्श पंजीकृत किए हैं। 32,035 परामर्श के साथ तमिलनाडू और 28,960 परामर्श के साथ आंध्र प्रदेश के बाद सबसे अधिक परामर्श पंजीकरण करने वाला हिमाचल प्रदेश तीसरा राज्य है।
इस बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए मार्च, 2020 से टेलीमेडिसन सेवा शुरू की है। प्रदेश में 31 मार्च, 2020 को ई-संजीवनी पोर्टल शुरू किया गया था। इस पोर्टल का उद्देश्य अधिकतर स्वास्थ्य संस्थानों जैसे स्वास्थ्य उपकेन्द्र और प्राथमिक उपकेन्द्रों को विशेषज्ञ और उत्तम विशेषज्ञ सुविधाओं के साथ प्रदेश के स्वास्थ्य महाविद्यालयों के साथ जोड़ना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोगों को प्राथमिक उपचार सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से 504 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों, 518 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्रों के रूप में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि टेली-परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य एवं आरोग्य केन्द्रों को 867 डैस्कटॉप और वैबकॉम के साथ जोड़ा गया है ताकि लोगों को कंपयूटर के माध्यम से परामर्श प्रदान किया जा सके। इसके अतिरिक्त, 199 और डैस्कटॉप की आपूर्ति की जा रही है। अभी तक 303 सक्रिय स्वास्थ्य उप-केन्द्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नेरचैक जिला मण्डी के साथ जोड़ा जा चुका है, जिन्हें परामर्श की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त राज्य में ई-संजीवनी ओपीडी पोर्टल भी आरम्भ की गई है, जो विशेषकर टैली-परामर्श सेवा उपलब्ध करवा रही है। इस पोर्टल के माध्यम से राज्य का कोई भी व्यक्ति घर बैठे तीन विशेष केन्द्रों के चिकित्सकों से परामर्श ले सकता है।