हिमाचल में जहां CBI रहस्यमयी परिस्थितियों में फोरेस्ट गार्ड होशियार सिंह की हुई मौत की जांच कर रही है, वहीं हिमाचल सरकार ने इससे सबक लेते हुए प्रदेश के वन रक्षकों के लिए अहम फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने फॉरेस्ट गार्ड को पर्सनल हथियारों के लिए सब्सिडी के तौर पर राशि जारी करने की प्रपोजल तैयार किया है जिसमें फॉरेस्ट गार्ड्स अपनी रक्षा करने और पेड़ों के कटने को रोक सकेंगे। बता दें वन विभाग ने इस संदर्भ में योजना तैयार कर मंजूरी के लिए वित्त विभाग को सौंपी थी। जिसमें वन रक्षकों को हथियार देने का फैसला लिया था।
फिलहाल इस योजना की फाइल राज्य सचिवालय से वन मुख्यालय को भेजी जा चुकी है। काफी समय से प्रदेशभर में वन माफिया के पेड़ काटने के कई मामले सामने आ रहे हैं। जिसमें चंबा, शिमला और मंडी में अवैध वन कटान के बड़े मामले सामने आए। हथियारों की कमी और प्रदेशभर में केवल 2,300 फॉरेस्ट गार्डस वन माफिया का शिकार बन जाते है।
वन विभाग के प्रपोजल के अनुसार, फोरेस्ट गार्ड्स को उनकी सेवा के दौरान एक बार फाइनेंनशियल मदद दी जाएगी। जिसमें आयु सीमा के आधार पर ही बजट मुहैया करवाया जाएगा। अभी विभाग के प्रस्ताव में अधिकतम आयु सीमा 40 साल की रखी है। एडिसनल चीफ सेक्रेटरी तरुण कपूर ने बताया हथियारों के लिए सब्सिडी अलग-अलग चरणों में दी जाएगी और इसको सबसे संवेदनशील और बॉर्डर क्षेत्रों से शुरु किया जाएगा।
बता दें मंडी जिला के करसोग में वन माफिया से भिड़ने वाले फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। अंदेशा जताया जा रहा है कि होशियार सिंह की वन माफिया ने ही हत्या की है। होशियार सिंह की मौत के बाद प्रदेश में बड़ा आंदोलन हुआ और जांच सीबीआई को सौंपी गई। स्थानीय लोगों का साफ कहना है कि होशियार सिंह को वन माफिया ने ही मौत के घाट उतारा है।