कांगड़ा बैंक भर्तियों पर चल रहे विवाद को लेकर बैंक के पूर्व अध्यक्ष रसील सिंह मनकोटिया ने एक बार फिर प्रदेश सरकार और बैंक अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को मनकोटिया ने कहा कि बैंक चेयरमैन जगदीश सिपहिया धूमल और बीजेपी पर आरोप लगा रहे थे कि उन्होंने 8 और 9 जुलाई को होने वाली बैंक परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है। जबकि पेपर को रद्द करने के लिए बीजेपी नहीं कांग्रेस के ही नेता एवं बैंक निदेशक ने मांग की है।
मनकोटिया ने कहा कि चेयरमैन जगदीश सिपहिया के इस बयान और कांग्रेसी नेता की पेपर रद्द करने की मांग करने से पता चलता है कि भर्ती प्रक्रियाओं में हर बार धांधली होती है। इस बार मामला इतना बढ़ चुका है इसलिए कांग्रेसी नेता और निदेश पेपर रद्द करने की मांग कर रहे है क्योंकि इस बार घोटाला करना मुश्किल हो गया है।
यहीं नहीं मनकोटिया ने आगे कहा कि पूरे देश में बैंक पेपर IBPS कंडक्ट करवाता है ना कि राज्य के स्कूल शिक्षा बोर्ड। यहां तक को बोर्ड को माध्यम बनाया भी गया है तो वह भी ऐसे बोर्ड को जो कि पहले ही अपने कई कारनामों की वजह से चर्चाओं में है। लेकिन, यह सब किसी और नहीं बल्कि हिमाचल के प्रमुख वीरभद्र सिंह के राज में होता है।
बैंक पेपर के नाम पर बच्चों से लाखों रुपया वसूला जा रहा है और बदले में उन्हें कुछ नहीं मिल रहा। राज्य के युवा आज इस धांधली से भली-भांति जागरूक हो चुके हैं और वह इस बात का बदला आने वाले चुनावों में लेंगे।