स्वाधीनता दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह पर हिमाचल गौरव पुरस्कार से सम्मानित बीरबल शर्मा का उनके पैतृक गांव जिला बड़सर उपमंडल की ग्यारह ग्रां पंचायत के गांव मसलाणा कलां पहुंचने पर गांव वासियों ने भव्य स्वागत किया। कोविड 19 को लेकर प्रशासन और सरकार द्वारा जारी हिदायतों का पालन करते हुए गांव वासियों ने अपने इस लाडले को यह सम्मान मिलने की खुशी में पलकों पर बिठा लिया। गांव पहुंचने पर लोगों ने उनकी आरती उतारने के बाद हारों से लाद दिया और उनके घर तक ले गए। गांव वालों ने उन्हें शाल टोपी पहनाकर और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया और उन्हें बधाई दी।
उनके पिता किरपा राम जिनका 98 जन्म दिन भी रविवार को ही मनाया गया और माता चंदो देवी और उनके भाईयों व परिवारजनों को भी गांव वासियों ने बधाई दी। बीरबल शर्मा ने इस मौके पर कहा कि यह सम्मान वह अपनी जन्म भूमि के लिए समर्पित करते हैं । क्योंकि यहां की मिट्टी हवा में रह कर ही उन्हें जो संस्कार हासिल हुए हैं वह उन्हें जीवन के हर मोड़ पर काम आए हैं।
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सम्मान तो अपनों के बीच आकर ही हासिल होता है। अपनों से सम्मानित और अभिनंदित होने से बड़ा कोई सम्मान नहीं होता। इस मौके पर गांव के उन बच्चों जो उच्च शिक्षा हासिल करके और उंचे पदों की ओर अग्रसर होकर गांव का नाम रौशन करने में लगे हैं के परिजनों को सम्मानित भी किया गया। सेवानिवृत अध्यापक अृमतलाल षर्मा ने बीरबल षर्मा को मिले प्रशस्तिपत्र को भी पढ़ा।