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घर-घर जाकर ढूंढे जाएंगे टीबी के मरीज, क्षय रोग उन्मूलन योजना लागू

समाचार फर्स्ट |

जयराम सरकार ने प्रदेश में मुख्यमंत्री क्षय रोग निवारण योजना को लागू कर दिया है। इस योजना से प्रदेश भर में टीबी के मरीजों को घर-घर जाकर ढूंढा जाएगा। सरकार ने 2021 तक हिमाचल को क्षय रोगमुक्त (टीबी) करने का लक्ष्य तय किया है।

राज्य सरकार ने बकायदा इसके लिए मुख्यमंत्री क्षय रोग नियंत्रण योजना (एमएमकेआरएनवाई) की अधिसूचना जारी कर इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया है। इस योजना को प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार के कार्यक्रम संशोधित राष्ट्रीय क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) से अलग चलाया जा रहा है। सरकार ने इसके लिए दो करोड़ रुपये की राशि भी मंजूर की है।

उन्होंने बताया कि इसके लिए डिटेक्ट-थ्रेट-प्रीवेंट-बिल्ड मोड के तहत काम होगा। इस योजना के तहत डोर-टू-डोर कार्यक्रम होंगे। जिससे घर-द्वार जाकर टीबी के रोगियों को खोजा जाएगा और उनका इलाज होगा। इसके लिए सरकार द्वारा वित्तीय प्रावधान किया गया है और साथ ही केंद्र सरकार की योजना से भी इसके लिए सहायता ली जा सकती है।

अगर बात करें हिमाचल में टीबी के मरीजों की तो प्रदेश में वर्तमान में करीब 16,000 मरीज हैं। इनमें से करीब 420 एमडीआर टीबी के उपचाराधीन हैं। कुल 650 रोगी एमडीआर के हैं।  राज्य क्षयरोग नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आरके बारया ने बताया कि ये योजना केंद्र की योजना से बिल्कुल अलग है। प्रदेश की योजना के तहत हम डोर-टू-डोर मुहिम चलाएंगे।

केंद्र सरकार ने अपनी योजना के तहत देश को साल 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य तय किया है, जबकि हिमाचल का लक्ष्य 2021 तक का है। इसके तहत प्रत्येक रोगी को 500 रुपये प्रति माह देने का प्रावधान किया गया है।