जयराम सरकार को एक दफा फिर से 500 करोड़ रुपए के कर्ज की जरूरत पड़ गई है। जून महीना छोड़़कर सरकार ने जुलाई में कर्ज के लिए आवेदन कर दिया है। सरकार अपनी संपत्तियों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को गिरवी रखेगी, जिससे 500 करोड़ रुपए लिए जाएंगे। रिजर्व बैंक के मुंबई कार्यालय में नौ जुलाई को इसके लिए ऑक्शन होगी।
लोन की मियाद 2029 तक होगी। प्रदेश पर 52 हजार करोड़ का कर्जा अब तक हो चुका है। हिमाचल में वर्ष 2019-20 के बजट के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां 33 हजार 747 करोड़ की हैं।
कुल राजस्व व्यय 36 हजार 089 करोड़ अनुमानित है। कुल राजस्व घाटा 2342 करोड़ का है। कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की अदायगी पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। लोन की अदायगी और लोन के ब्याज की अदायगी के बाद विकास कार्यों के लिए काफी कम पैसा बचता है। ऐसे में बार-बार ऋण लेना पड़ता है।
इससे पहले सरकार ने अप्रैल महीने से अब तक 900 करोड़ रुपए का कर्ज पहले ही ले लिया है, जिसके बाद अब 500 करोड़ और लिए जा रहे हैं। प्रदेश पर 52 हजार करोड़ के आसपास का ऋण बोझ अब तक को चुका है, जिसमें 500 करोड़ का और इजाफा होगा। सरकार ने पिछले साल 3451.44 करोड़ रुपए कर्ज लिया था।