गरली-परागपुर के बाद अब हरिपुर-गुलेर गांव को हेरिटेज़ विलेज बनाने की कवायद जोरों पर हैं। इसी कड़ी में पुरातत्व विभाग की टीम शुक्रवार से गांव में डेरा डाले हुए है और धरोहरों की जांच की जा रही है।
इस बारे में पर्यनट विभाग जिला कांगड़ा की उपनिदेशक मधु चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशानुसार हरिपुर गुलेर की धरोहरों की रिपोर्ट मांगी गई है। इस दौरान पुरातत्व विभाग की टीम यहां जांच के लिए आई हुई है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट बनाकर टीम सरकार को भेज देगी। इसके बाद आख़िरी फैसला सरकार लेगी।
ग़ौरतलब है कि 1997 और 2002 में गरली-परागपुर धरोहर विलेज घोषित किया गया था। इससे यहां रोजगार के रूप में जनता को कई लाभ हुए और पर्यटन की दृष्टि से भी यहां विकास होना शुरू हुआ। हरिपुर-गुलेर में भी पांडवों के समय का मंदिर, पानी की यौनाएं हैं जो कि काफी पुरानी है। इसके अलावा बंद दरवाजाों वाला कुआं मिलने से अचानक इस इलाके ने और भी सुर्खियां बटोर ली हैं।