108 एंबुलेंस कर्मचारियों की हड़ताल पर हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। हाइकोर्ट ने प्रदेश में इमरजेंसी सेवा को देखते हुए कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से ड्राइवरों औऱ टेक्नीशियनों को काम पर लौटने के आदेश दिए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और संदीप शर्मा की खंडपीठ ने साफ किया कि कर्मचारियों को ये फैसला बिल्कुल ग़लत है।
कोर्ट का कहना है कि जीवीके इमरजेंसी मैनेजमेंट एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट को विशेषता 108 एम्बुलेंस जैसी आवश्यक सेवाओं को उपलब्ध करवाने हेतु तैनात किया गया है। हड़ताल के दौरान दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ता है। अगर ड्राइवरों और टेक्नीशियनों की मांगों को नहीं माना जाता है तो उसके लिए हड़ताल के अलावा कानून ने उनके लिये दूसरे विकल्प निर्धारित किए हैं।
महाधिवक्ता की ओर से न्यायालय को बताया गया कि इन लोगों के खिलाफ सरकार द्वारा पहले ही ऐस्मा लगा दिया गया है और फिर भी ये लोग हड़ताल पर चले गए है। न्यायालय ने आदेश दिए कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए जो लोग हड़ताल पर चले गए हैं । कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि उन सभी लोगों के खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाएगा जो लोग न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करेंगे। मामले पर सुनवाई गुरुवार को होगी।