आशा अपनी खराब माली हालत के चलते गैस कनेक्शन नहीं खरीद पा रही थी। उसके पति रविन्द्र सिंह का कुछ साल पूर्व देहावसान हो चुका है। स्कूल पढ़ने वाली दो बेटियों का लालन-पालन आशा के लिए मुश्किलों भरा है। घर में गैस कनेक्शन न होने से सुबह-सुबह परेशानी और भी बढ़ जाती थी, जब विशेषकर बारिश के दिनों गीली-सूखी लकड़ी से चूल्हा जलाने में बड़ी जद्दोजहद करनी पड़ती और बामुश्किल बेटियों को समय पर स्कूल भेज पाती थी।
कुल्लू की पीज पंचायत के बाईन गांव की आशा देवी को जनमंच वरदान बन गया, जब आशा ने महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन बांटते देखा। फिर क्या था, उसने झट से पता करने की कोशिश की कि क्या उसे भी मुफ्त में गैस कनेक्शन मिल सकता है। अपनी ग्राम पंचायत के प्रधान भुवनेश्वर को साथ लेकर आशा ने संबंधित विभाग के अधिकारी से बातचीत करके औपचारिकताओं के बारे में जाना। तुरंत दस्तावेज ग्राम पंचायत के माध्यम से गृहिणी सुविधा योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन के लिए जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक के कार्यालय में जमा करवाए। बिना किसी विलम्ब के विभाग ने आशा देवी को गैस कनेक्शन प्रदान कर दिया और किसी भी प्रकार का शुल्क न लगने पर तुरंत आशा देवी के मूंह से थैंक्यू जय राम ठाकुर जैसे उद्गार प्रकट हुए।
अब आशा देवी के पास अन्य गांव वालों की तरह गैस कनेक्शन है। उन्हें अब लकड़ियां एकत्रित करने के लिए जंगलों में नहीं भटकना पड़ता। धुएं से जो निजात मिली है, उसे सबसे बड़ा सुकून मानती है आशा। इससे दोनों बेटियों को भी बड़ी राहत मिली है। वे समय पर स्कूल जा पाती हैं और स्कूल से आकर जब भी मन करे स्वयं खाना बना लेती हैं। आशा कहती है कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर जी की हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना सचमुच मेरे लिए वरदान सिद्ध हुई है। धुएं से आंखों की रोशनी को नुकसान के साथ-साथ संभावित अन्य बीमारियों की आशंका से भी निजात मिली है।
इसी प्रकार, पीज गांव की मीना को अपनी ढलती आयु और आंखों की मंद होती लौ के कारण अक्सर लकड़ी से चूल्हा जलाने में दिक्कत होती थी। मीना ने पंचायत के प्रधान से मुफ्त गैस कनेक्शन प्राप्त करवाने का आग्रह किया। कुछ ही दिनों में मीना को गैस कनेक्शन प्राप्त करने के लिए विभाग से फोन आ गया। सुनकर उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। मानो उसने जिंदगी में कितनी कुछ हासिल कर लिया। बहुत अर्से से रसोई में गैस को लेकर मीना की ख्वाहिश थी, लेकिन कभी खरीद ही नहीं पाई और पारिवारिक स्थिति भी ऐसी नहीं थी कि वह अन्य आवश्यक खर्चों को छोड़ गैस कनेक्शन खरीद पाए।
मीना अब शान से राहगिरों को भी चाय पिलाकर ही भेजती है। वह कहती है कि गैस आज के जमाने में न केवल रसोईघर की आवश्यकता है, बल्कि सामाजिक स्तर को भी बढ़ाने में मददगार है। अब वह बिना किसी हिचकिचाहट के मेहमानों का अच्छे से सत्कार कर पाती है जिसमें उन्हें बहुत सुकून और खुशी मिलती है। मीना का मानना है कि हर रसोई में गैस होने से जंगलों का भी दुरूपयोग बच रहा है। पर्यावरण भी साफ-सुथरा होगा, जिससे हमारा हिमाचल और भी खूबसूरत लगेगा। सरकार की इस शानदार योजना के लिए मीना भाव-विभोर होकर मुख्यमंत्री का आभार प्रकट करती है।