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हिमाचल में पद्मावत को किया रिलीज तो करेंगे विरोध

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पद्मावत फिल्म प्रदेश मे रिलीज होने पर राजपूत समुदाय इसका विरोध करेगा। समुदाय के सदस्यों का कहना है कि भले ही फिल्म का नाम पद्मावती से बदलकर पद्मावत रख दिया गया हो और सेसर बोर्ड द्वारा इसमे कुछ सीन को हटाकर इसे चलाने की अनुमति प्रदान भी की गई हो, लेकिन फिल्म के रिलीज होने पर अभी भी आपत्ति है। उनका कहना है कि देश व राजपूत संस्कृति से छेड़छाड़ उन्हें  कतई भी मंजूर नही है।

इस आशय को लेकर राजपूत कल्याण सभा ने एडीसी के माध्यम  से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। साथ ही फिल्म को रिलीज न करने की मांग उठाई। वही सभा के सदस्यों ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर फिल्म को प्रदेश मे रिलीज किया गया। तो राजपूत समुदाय इसका विरोध करेगा। राजपूत कल्याण सभा के अध्यक्ष ठाकुर कुलदीप सिंह ने कहा कि इस फिल्म को लेकर राजस्थान, गुजरात व मध्यप्रदेश की सरकारों ने न्यायालय में जनहित याचिका भी दर्ज की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है।

क्षत्रिय महासभा ने किया पद्मावत फिल्म का विरोध

उन्होंने कहा कि बेशक फिल्म का नाम बदल दिया गया और इसके कुछ सीन भी काटे गए हो, लेकिन इसके बावजूद भी राजपूत समुदाय की आहत मानसिकता को इससे किसी प्रकार की सांत्वना नही मिली है। राजपूत कल्याण सभा न केवल तीनो प्रदेशो के निर्णय की सराहना करती है, बल्कि उनका समर्थन भी करती है। उन्होंने कहा कि राजपूत कल्याण सभा द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अगर पद्मावत फिल्म को प्रदेश मे रिलीज किया जाता है तो इसके विरोध के साथ-साथ किसी प्रकार का व्यवधान भी पैदा किया जा सकता है। इस मौके पर सभा के महासचिव सीडी राणा, कर्नल एससी परमार, कुशल चंद कटोच, बलदेव राणा, एससी कटोच, केसी कंवर, एमआर राजपूत आदि उपस्थित रहे।