एक और जहां प्रदेश सरकार तरक्की के बहुत बड़े बड़े दावे कर रही है तो वहीं हिमाचल प्रदेश के कुछ लोग अपने जीवन को खतरे में धकेल कर जिंदगी गुजार रहे हैं. जिनके पास रहने के लिए घर तो है परंतु कब उस घर की दीवारें उन्हीं के ऊपर गिर जाए कोई भरोसा नहीं है. आज क्षेत्र की ऐसी समस्या से अवगत करवाने जा रहे हैं. जिस घर के मासूम बच्चे घर के टूटे छत और टूटी-फूटी कच्ची मिट्टी की दीवारों के बीच में सोने को विवश है.
दूसरी ओर न जाने क्यों प्रदेश की सरकार तक उन गरीबों की आवाज नहीं पहुंच पाती है।आज बात कर रहे हैं उपमंडल जोगिंदरनगर की तहसील क्षेत्र लड़भडोल की खद्दर पंचायत की सकीना देवी की जिनके पति राजकुमार अपाहिज हैं. इनके दो लड़के हैं जिनकी शादी हो चुकी है और बेरोजगार हैं. वह दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं और इनका घर स्लेटपोश है, जिसकी दीवारें कभी भी गिर सकती हैं. रसोई की छत भी पूरी खराब हो चुकी है.
सकीनादेवी का कहना है कि उन्हें .आज तक प्रशासन से कोई सहायता प्राप्त हुई है. सकीना देवी ने बताया कि जब तेज बारिश होती है तो बच्चों को गोद में लेकर सहम जाती हैं कि उनके साथ कोई हादसा ना हो जाए. उन्होंने प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
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