राज्य सरकार के निर्देश पर भ्रष्टाचार के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच में विजिलेंस में तेजी लाई है। इसी कड़ी में भ्रष्टाचार के केस में फंसे तत्कालीन सहायक दवा नियंत्रक निशांत सरीन की न केवल जांच पूरी की है बल्कि चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में भी दाखिल कर दी है। चार्जशीट सोलन की एक कोर्ट में दाखिल की गई है।
जांच में पाया गया कि आरोपित अधिकारी फार्मा कंपनियों के पैसे पर हवाई सैर करता था। जिन होटलों में वह ठहरता था, उनकी बुकिंग कंपनियों ने करवाई और कमरों का किराया भी अपने खातों से चुकाया था। अब आरोपित के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलेगा। जांच के दौरान आरोप सही साबित हुए हैं। इसके आधार पर जल्द ट्रायल आरंभ हो सकेगा। सरीन सहायक दवा नियंत्रक यानी असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर के पद पर बद्दी में तैनात था।
गोरतलब है कि भ्रष्टाचार के मामले में विजिलेंस ने दो वर्ष पूर्व सरीन के हिमाचल समेत कई ठिकानों पर दबिश दी थी। इस दौरान घर पर विदेशी शराब की बोतल और कई राज्यों में संपत्ति होने से संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए थे। सितंबर 2019 में विजिलेंस ने सरीन के खिलाफ फार्मा कंपनियों से घूस लेने के संबंध में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था। छापे के दौरान मिले दस्तावेजों से यह सामने आया था कि पिछले दो साल में वह करीब 25 बार देश के विभिन्न हिस्सों में घूमने गया। इस दौरान वह ताज जैसे नामी पांच सितारा होटलों में ठहरा और इसका खर्चा कंपनियों ने उठाया। केस दर्ज होने के बाद सरकार ने उसे सस्पेंड कर दिया था।
ऐसे होता था हवाई सैर का प्रबंध
जांच में पाया गया कि आरोपित अधिकारी फार्मा कंपनियों के पैसे से हवाई यात्रा करता और होटलों की बुकिंग भी कंपनियों ने करवाई। इन शहरों को आने-जाने की फ्लाइट की टिकटें फार्मा कंपनियों ने ही बुक करवाई थी। निशांत दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई व विशाखापट्टनम आदि शहरों में कंपनियों के खर्च पर घूमने गया था। उसने कंपनियों से कई और महंगे तोहफे भी लिए थे। वह एक फार्मा कंपनी का दिया महंगा मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहा था। जांच के दौरान कंपनियों के अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई।