हिमाचल पथ परिवहन विभाग के आयुक्त जीएम पठानिया ने जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश में देशभर में सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। पहाड़ी प्रदेश में हर साल 3000 से ज्यादा सड़क हादसे पेश आते हैं। इन हादसों में 1200 से ज़्यादा मौतें हो जाती हैं। इन हादसों में से 95 फ़ीसदी सड़क हादसे मानवीय भूल की वजह से होते हैं। इन सड़क हादसों की मुख्य वजह ओवरस्पीडिंग, मोबाइल सुनते हुए गाड़ी चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना व लापरवाही से गाड़ी चलाना है। हिमाचल में एक्सीडेंट रेट भारत मे सबसे ज़्यादा है।
पठानिया ने बताय कि प्रदेश में सड़क हादसों को रोकने के लिए परिवहन विभाग 4 अगस्त से राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान शुरू करने जा रहा है। इस अभियान को एक कल्चर के रूप में शुरू किया जाएगा और इसे समाज का हिस्सा बनाया जाएगा। ये जागरूकता अभियान 4 अगस्त से शुरू होकर तब तक जारी रहेगा जब तक कि हम सब इसको अपनी आदत न बना लें। इस अभियान में चालकों को गति कम रखने, शराब पीकर गाड़ी चलाने और ड्राइविंग के वक़्त मोबाइल का इस्तेमाल न करने के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा 8वीं से 12वीं तक के छात्रों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाएगा। चालकों की ड्राइविंग सुधारने के लिए कार कंपनियों के माध्यम से ड्राइविंग स्कूल भी शुरू किए जाएंगे।