➤ हिमाचल में पंचायती राज चुनाव पर सरकार–चुनाव आयोग के बीच टकराव, संवैधानिक संकट का आरोप
➤ बिहार चुनाव जीत पर मोदी, शाह और नड्डा को बधाई प्रस्ताव पारित
➤ 26 नवंबर से धर्मशाला सत्र में आपदा, कानून व्यवस्था व शासन पर भाजपा घेरेगी सरकार
हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज चुनाव को लेकर सरकार और चुनाव आयोग के बीच बढ़ते तनाव पर भाजपा विधायक दल ने गंभीर चिंता जताई है। भाजपा का कहना है कि हालात एक संवैधानिक संकट का रूप ले चुके हैं और इसे आगामी विधानसभा सत्र में प्रमुखता से उठाया जाएगा।

सर्किट हाउस में हुई विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की। बैठक में भाजपा प्रदेश प्रभारी कांत शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल, और संगठन महामंत्री सिद्धार्थन भी मौजूद रहे। बैठक की शुरुआत बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की बड़ी जीत पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए हुई, जिसमें दो तिहाई बहुमत मिलने पर एक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह सहित बिहार के नेताओं और जनता को धन्यवाद दिया गया।

विधानसभा का शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से धर्मशाला में शुरू हो रहा है, जिसके लिए भाजपा ने सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है। भाजपा विधायक दल ने कहा कि इस वर्ष बरसात के दौरान आई भीषण प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की अभी तक समुचित भरपाई नहीं हुई है और प्रभावितों को राहत नहीं मिली है। यह मुद्दा सत्र में जोरदार तरीके से उठाया जाएगा।
रणधीर शर्मा ने कहा कि सरकार पंचायत चुनावों को टालने का प्रयास कर रही है, जिससे चुनाव आयोग और सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। भाजपा का आरोप है कि यह स्थिति प्रदेश में संवैधानिक संकट पैदा कर रही है।
इसके अलावा भाजपा कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य–शिक्षा के गिरते स्तर, और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर भी सरकार को कटघरे में खड़ा करेगी। शर्मा ने बताया कि 4 दिसंबर को धर्मशाला के जोरावर स्टेडियम में सरकार के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। उन्होंने सुक्खू सरकार को जन-विरोधी, तानाशाही रवैये वाली, और भ्रष्टाचार में संलिप्त करार दिया।



