किसी भी देश या राज्य की संस्कृति वैसे लोगों से आगे बढ़ती है, जो अपने राज्य या देश से बाहर होने के बाद भी उसे नहीं भूलते। अपने घर, अपने गांव से सैकड़ों -हजारों किलोमीटर दूर होने के बावजूद उसे हर पल महसूस करते हैं। अपने घर-आंगन से दूर होने के बाद भी अपनी जड़ों से जुड़े होते हैं। इस मामले में हिमाचल प्रदेश के लोग सबसे आगे हैं। हिमाचली देश के किसी भी हिस्से में हों या दुनिया के किसी भी कोने में, वहां अपने सूबे के लोगों से जुड़े रहते हैं। अपनी हिमाचली संस्कृति-सभ्यता से देश दुनिया के लोगों को अवगत कराते रहते हैं। इसके लिये हिमाचली देश औऱ दुनिया, जहां भी हो कई तरह के कार्यक्रम भी करते हैं ।
ऐसा ही एक कार्यक्रम देश की राजधानी दिल्ली में हुआ । दिल्ली में रहने वाले हिमाचली समाज के लोगों ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जीएस बाली ने शिरकत की । कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुये जीएस बाली ने कहा कि मुझे गर्व है कि हिमाचल प्रदेश के लोग हिमाचल से बाहर रह कर भी हिमाचल की संस्कृति को बढ़ावा दे रहे है। देश और दुनिया में हिमाचल की संस्कृति को पहुंचा रहे है।
इस दौरान पूर्व मंत्री ने हिमाचल के युवाओं को याद किया जो देश की सुरक्षा में लगे हुये हैं । देश की रक्षा करने वाले जवानों की सबसे ज्यादा संख्या हिमाचलियों की है। इतना ही नहीं देश के लिए शहादत देने में हिमाचल के जवान सबसे आगे हैं, जिन्हें मैं नमन करता हूं । इस दौरान जीएस बाली ने कार्यक्रम के आयोजकों को 11 हजार देने का एलान किया ताकि ऐसे कार्यक्रम भविष्य में ओर भी आयोजित किये जायें ।
ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन जहां एक दुसरे से मिलने का माध्यम बनता है । वहीं, अपनी विरासत, सभ्यता, संस्कृति, पहनावा, खान-पान, बोल-चाल से बाहर की दुनिया को अवगत भी कराया जाता है । ऐसे में जरुरत है कि ऐसे कार्यक्रमों और आयोजकों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि ये सिलसिला थमे नहीं ।