आज विजय दशमी के दिन हर जगह रावण को दहन किया जाता है। लेकिन, हिमाचल में एक ऐसी जगह भी है जहां आज दिन तक दशहरा देखा तक नहीं गया। माना जाता है कि शिव भक्त रावण का यहां से कोई संबंध है जिसके चलते यहां के लोग ना तो दशहरा मनाते हैं और ना ही हर्षो-उल्लास होता है।
जी हां, हिमाचल के कांगड़ा जिले में आने वाला बैजनाथ इलाका जहां आज दिन तक दशहरा देखा तक नहीं गया। यहां के लोगों का मानना है कि रावण के कारण शहर में बैजनाथ मंदिर और भगवान शिव का आशीर्वाद है। रावण भगवान शिव के भक्त थे और वह मंदिर के अस्तित्व के पीछे भी एक प्रमुख कारण रहे हैं। यहां के लोग इस दिन रावण को भगवान की तरह पूजते हैं।
वहीं, बैजनाथ का एक और आकर्षक पहलू यह भी है कि शहर में कोई सुनार नहीं है। जी हां, बैजनाथ में एक भी सोना नहीं है। इसका भी कारण रावण से जुड़ा हुआ है कि रावण शिव को सोने के शहर लंका लेजाना चाहते थे तो भगवान शिव ने सोने की कीमत नहीं की। भगवान शिव ने इस लंका को चट्टान के टुकड़े रूपी समझा, जिसके बाद से यहां का मंदिर भी लंका की आकार में चट्टान पर ही बना।