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प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तिरुपति मंदिर का मॉडल अपनाएगी हिमाचल पुलिस: DGP

मृत्युंजय पुरी |

नए साल के पहले दिन डीजीपी संजय कुंडू धर्मशाला पहुंचे। धर्मशाला में पत्रकारों को संबोधित करते हुए डीजीपी ने कहा कि हिमाचल में प्रीडिक्टिव पुलिसिंग शुरू की है, जिसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। परिडिक्टिव पुलिसिंग से सामने आया है कि हमें रात को नाके लगाने जरूरत है। हर सप्ताह हर धारा में आने वाले अपराध की साप्ताहिक आकलन रिपोर्ट आती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले 5 सालों में दूसरे अपराधों में कमी आई है, लेकिन साइबर अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। लोगों को साइबर क्राइम के प्रति सचेत होना होगा। हिमाचल पुलिस ने गत अगस्त माह में गुमशुदा लोगों को रिकवरी के लिए विशेष अभियान में 414 लोगों को परिजनों से मिलाया है। 

डीजीपी ने कहा कि प्रदेश पुलिस सूबे में सुरक्षा-व्यवस्था और भीड़ से निपटने के लिए तिरुपति मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था का मॉडल अपनाएगी। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। वर्ष 2021 में प्रदेश पुलिस कोविड-19, एनडीपीएस, बाल और महिला अपराध, रोड एक्सीडेंट और पुलिस जवानों की हेल्थ पर प्रमुखता से काम करेगी। यह बात पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रदेश पुलिस कई तरह के बदलाव कर प्रदेश में सुरक्षा-व्यवस्था पर नजर रखेगी। तिरुपति मंदिर देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां हर दिन लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इतनी भीड़ होने के बावजूद वहां पर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था काबिले तारीफ है, जिसका उन्होंने खुद तिरुपति मंदिर जाकर जायजा लिया है। उन्होंने बताया कि अब प्रदेश में शक्तिपीठों में भी उसी तरह सुरक्षा व्यवस्था होगी। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक कांगड़ा विमुक्त रंजन, समादेशक सकोह बटालियन संजीव गांधी मौजूद रहे।

संजय कुंड ने कहा कि इस साल के अंत तक सभी जिलों में कुल्लू की तर्ज पर ड्रोन की व्यवस्था कर दी जाएगी। इसके चलते यातायात और अन्य अपराधों से निपटने में काफी मदद मिलेगी। कोरोना महामारी की चपेट में अब तक हिमाचल पुलिस के 1874 जवान संक्रमित हो चुके हैं। इसमें चार को मौत हुई है, जबकि 99 फीसदी जवान स्वस्थ भी हो चुके हैं। कोरोना काल में पुलिस ने जो काम किया वो देश के किसी अन्य राज्य में नहीं हुआ है। इसके लिए हमने जागरूकता को प्राथमिकता दी। 

उन्होंने कहा कि पुलिस अब 24 घंटे में पासपोर्ट वेरिफिकेशन कर रही है। हर सप्ताह 700 से 800 पासपोर्ट वेरिफिकेशन के आवेदन आते हैं। पासपोर्ट वेरिफिकेशन सबसे तेज करने वाला हिमाचल पहला राज्य बना है। दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश आता है, जहां पर पांच दिन में वेरिफिकेशन होती है।