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चुनाव आने से पहले ही ताश के पत्तों की तरह बिखरने लगी कांग्रेस: सुरेश कश्यप

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प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले ही कांग्रेस ताश के पत्तों की तरह बिखरने लगी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस की हालत यह हो गई है कि उसका कोई संगठन ही नहीं बचा है. यही कारण है कि हर कोई विधायक बनने का सपना देख अपनी ही पार्टी की जड़ें खोदने में लगा है.

कांग्रेसी नेता ही एक-दूसरे के खिलाफ चार्जशीट लाने में व्यस्त

कश्यप ने कहा कि हालांकि लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार होता है, लेकिन कांग्रेस में अजीब तरह की होड़ मच गई है. बीते दिन ही बिलासपुर के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर के खिलाफ बिलासपुर के कांग्रेस नेता ने ही मोर्चा खोल दिया. पूर्व विधायक तिलक राम और जिला बिलासपुर कांग्रेस प्रवक्ता संदीप सांख्यान ने बंबर ठाकुर पर विधायक रहते भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और सीबीआई जांच की भी मांग की. यह हालत उस कांग्रेस की है जिसकी प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह कहती हैं कि भाजपा के खिलाफ चार्जशीट लाएंगे. लेकिन आलम यह है कि कांग्रेसी नेता ही एक-दूसरे के खिलाफ चार्जशीट लाने में व्यस्त हैं.

‘कांग्रेस को इंपोर्ट करने पड़ रहे नेता’

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस ने हिमाचल की जनता के सामने 10 गारंटियां पेश कीं. और ये गारंटियां हिमाचल कांग्रेस के किती नेता ने नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की. यह दिखाता है कि कांग्रेस के पास हिमाचल में एक भी चेहरा ऐसा नहीं है जिस पर जनता भरोसा कर सके और जो खुद खुद को नेता समझते हैं उनमें एक दूसरे को पीछे धकेलने की होड़ मची है. इसीलिए उसे हिमाचल के चुनावों में घोषणाएं करवाने के लिए दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री को बार-बार बुलाना पड़ रहा है. वह भी भूपेश बघेल को जो अपने राज्य में नाकाम मुख्यमंत्री कहलाते हैं.

‘होली लॉज, सुक्खू और मुकेश में क्लेश’

कांग्रेस में अनुशासनहीनता की स्थिति यह है कि कोई प्रदेश अध्यक्ष तक की नहीं सुनता. प्रतिभा सिंह को बार-बार कहना पड़ रहा है कि कोई भी नेता खुद को प्रत्याशी घोषित न करे. लेकिन नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू और होली लॉज में मचे क्लेश का आनंद हिमाचल की जनता खूब उठा रही है. यही कारण है कि कांग्रेस के नेता और सिटिंग विधायक तक पार्टी छोड़ आज भारतीय जनता पार्टी में आ रहे हैं. यह दिखाता है कि देश के अन्य राज्यों की तरह अब हिमाचल भी कांग्रेस मुक्त होने जा रहा है.