<p>मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां राज्य पुलिस विभाग के लिए पुलिस स्टेशन आगंतुक सर्वेक्षण प्रणाली और ई-रात्री बीट चैकिंग प्रणालियों का शुभारम्भ किया। जयराम ठाकुर ने कहा कि इन दोनों प्रणालियों से पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में और सुधार आएगा क्योंकि पुलिस को अपनी कार्यप्रणाली के बारे में जहां वास्तविक फीडबैक मिलेगी, वहीं इसमें सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने में सहायता मिलेगी।</p>
<p>उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशन आगंतुक सर्वेक्षण प्रणाली को http://bit.ly/HPPolice वेबसाइट से जोड़ा जाएगा। इस प्रणाली का इस्तेमाल पुलिस थानों, पुलिस चोकियों और पुलिस की अन्य इकाइयों में आगंतुकों की निगरानी के लिए किया जाएगा। इससे आगंतुकों का डेटाबेस तैयार करने में भी मदद मिलेगी। पुलिस थानों, पुलिस चैकियों और यातायात इकाइयों में आने वाले आगंतुकों अथवा शिकायतकर्ताओं से सर्वेक्षण लिंक को भरने का आग्रह किया जाएगा।</p>
<p>जयराम ठाकुर ने कहा कि ऑनलाईन सर्वेक्षण प्रणाली जिले और उससे संबंधित पुलिस स्टेशन, शिकायतकर्ता किस अधिकारी से मिला, आने का समय और उद्देश्य तथा पुलिस थाने या चौंकी में कितना समय बिताया आदि सूचनाएं एकत्र करेगा। इस प्रणाली से यह जानकारी भी मिलेगी कि शिकायतकर्ता के साथ पुलिस का व्यवहार कैसा रहा। शिकायतकर्ता पुलिस कर्मचारियों के प्रति यदि टिप्पणी देना चाहे तो वह अपना नाम और फोन नंबर भी दे सकता है और यह सुनिश्चित बनाया जाएगा कि उसकी पहचान गोपनीय रहे।</p>
<p>उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में एक तंत्र यह भी शामिल किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति नकली प्रतिक्रिया देता है तो उसकी पहचान करना संभव होगा। जिले में कार्यरत पुलिस अधीक्षक, रेंज आईजी और पुलिस मुख्यालय स्तर पर जनता की ओर से आने वाली प्रतिक्रिया की निगरानी भी इस सर्वेक्षण प्रणाली के अंतर्गत की जा सकेगी। जनता से मिलने वाली प्रतिक्रिया और सुझावों से पुलिस की कार्यप्रणाली में निश्चित रूप से सुधार होगा और प्रदेश के नागरिकों को बेहतर पुलिस सेवा प्रदान की जा सकेगी।</p>
<p><span style=”color:#e74c3c”><strong>ई-रात्रि बीट का शुभारंभ</strong></span></p>
<p>ई-रात्रि बीट चैकिंग प्रणाली को पासवर्ड संरक्षित वेबसाईट http://bit.ly/eNight से लिंक किया जाएगा, जो ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों के पास उपलब्ध होगी। इस प्रणाली से पुलिस को रात के समय चलने वाले संदिग्ध वाहनों और अपराधियों पर नजर रखने तथा संदिग्धों का डेटाबेस बनाने में सहायता मिलेगी।</p>
<p>जय राम ठाकुर ने कहा कि इस प्रणाली से तैयार किया जाने वाला डेटाबेस पुलिस को आपराधिक मामलों की जांच और संपूर्ण राज्य में पुलिस विभाग द्वारा स्थापित किए गए सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के साथ पुष्टि करने में मदद करेगी। इस प्रणाली में एक विशेष प्रावधान किया जाएगा, जिसके माध्यम से पुलिस संदिग्धों की फोटो, पहचान पत्र और वाहन के दस्तावेजों की फोटो लेकर इस प्रणाली में ऑनलाईन अपलोड कर सकेगी।</p>
<p>ई-रात्री बीट चैकिंग प्रणाली स्वचालित रूप से तारिख़, समय और जो पुलिस कर्मी बीट पैट्रोलिंग अथवा रात्रिगश्त पर होगा, उसकी जीपीएस की सूचना प्राप्त करेगी। इस प्रणाली से नागरिकों की बेहतर सुरक्षा के लिए सड़कों पर पुलिस की उपस्थिति निश्चित करने में भी मदद मिलेगी। डीजीपी एसआर मरडी ने कहा कि इन दोनों प्रणालियों को बद्दी के पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी ने विकसित किया है। इन प्रणालियों से पुलिस विभाग को अपने स्वमूल्यांकन करने और विभागीय कार्यप्रणाली सुधार करने में सहायता मिलेगी।</p>
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