फेस्टिवल सीज़न के बीच हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते जा नज़र आ रहे हैं। पिछले कल शनिवार 23 अक्टूबर को प्रदेश में कोरोना के 258 नए कोरोना के मामले सामने आए हैं। इन मामलों में कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा 216 मामलों की पुष्टि हुई है।
फेस्टिवल सीज़न के बीच एक साथ जिला में इतने मामले सामने आना खतरे के संकेत हो सकते हैं। चूंकि अभी तक फेस्टिवल सीज़न नवंबर माह के पहले सप्ताह तक चलने वाला है तो ऐसे में बाजारों में भीड़ भाड़ का माहौल बना रहेगा। शनिवार के कोरोना मामलों पर नज़र दौड़ाएं तो ये कहना ग़लत नहीं होगा कि जिला में और भी मामले बढ़ने का अंदेशा है।
वहीं, जिला में कोरोना नियमों की भी खूब धज्जियां भी उड़ रही हैं। मास्क तो ज्यादातर लोग लगा रहे हैं लेकिन डिस्टेंसिंग और बाकी कोरोना नियमों की बात की जाए तो वे कहीं नज़र नहीं आ रही। जिला प्रशासन भी आए दिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर लोगों को जागरूक तो करता है, लेकिन फेस्टिवल सीज़न के बीच कोरोना नियमों की पालना करवाने में जिला प्रशासन भी ढील बरत रहा है। इसका एक उदाहरण, हाल ही में हुए नवरात्र के दौरान भी लाखों श्रद्धालुओं ने जिला कांगड़ा के प्रमुख मंदिरों में बिना नियमों के शीश नवाना भी हो सकता है।
दूसरी ओर प्रदेश में उपचुनाव भी चल रहे हैं तो ऐसे में राजनीतिक दलों की रैलियों में भी कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। कांगड़ा जिला में बेशक़ फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में ही उपचुनाव है लेकिन बाकी जगहों पर भी रैलियों की भीड़ कोरोना को दावत देती नज़र आ रही है। आपको बता दें कि ICMR ने पहले ही अक्टूबर माह के आख़िर तक कोरोना के मामले बढ़ने के संकेत दिए हैं। ऐसे में हिमाचल को कोरोना के मामलों पर अव्वल नंबर पर रख़ा गया था। अब देखना ये होगा कि क्या सरकार उपचुनाव के बाद फ़िर से कोरोना नियमों में सख़्ती करती है? क्या फेस्टिवल सीज़न में जुटी भीड़ और उपचुनाव में पार्टियों की रैलियां एक बार फ़िर हिमाचल में कोरोना संक्रमण बढ़ाने का कारण बनेगी?
क्या मौसम में बदलाव से बढ़ रहे मामले?
हिमाचल में 2 दिनों से बारिश के बाद अचानक मौसम में बदलाव भी हुआ है। अचानक ठंड बढ़ने से कई लोग खांसी-ज़ुकाम और बाकी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में माना ये भी जा रहा है कि मौसम के बदलाव के चलते लोगों को हल्का बुख़ार हो रहे है। हल्के बुख़ार के बिगड़ने से कोरोना संक्रमण का खतरा और भी बढ़ रहा है।