राष्ट्रीय होटल प्रबंधन संस्थान ने हिमाचली धाम को अब पूरे देश में पहचान दिलाने की पहल की है। इसके लिए गुरुवार को होटल प्रबंधन संस्थान के छात्रों को हिमचाली धाम बनाने के टिप्स भी दिए गए। इसके साथ ही हिमाचली धाम को किस तरह परोसा जाता है, इसके लिए भी धाम का आयोजन किया गया। प्रबंधन की इस पहल डीसी रिचा वर्मा सहित कई अधिकारियों ने सराहना की और धाम का भी आनंद भी उठाया।
संस्थान के प्रोफेसर पुनीत बंट ने कहा कि पहली बार ये कदम उठाया गया है। इसमें प्रारंभिक तौर पर कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और बिलासपुर में बनने वाली धाम के व्यंजनों को शामिल किया गया है। व्यंजनों में मुख्य रूप से कांगड़ा का मदरा और खट्टा, मंडी का सेपू बड़ियां, बिलासपुर की धुली दाल, हमीरपुर के राजमाहल औऱ पीली दाल को विशेष तौर से शामिल किया गया है। साथ ही उन्हें चरोटियों के सवाद और पत्तलों की अहमियत के बारे में भी समझाया गया।
प्रोफेसर ने कहा कि राष्ट्रीय होटल प्रबंधन संस्थान में 100 के करीब छात्र-छात्राएं होटल मैनेजमेंट के विभिन्न कोर्सों में प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं। इन छात्र-छात्राओं में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब सहित विभिन्न राज्यों के छात्र प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं। संस्थान हमीरपुर हिमाचली व्यंजनों पर विशेष फोक्स कर रहा है ताकि इन व्यंजनों की महक अन्य राज्यों तक भी पहुंचे। इस के लिए इस संस्थान से उत्तीर्ण होने के बाद छात्र-छात्राएं विभिन्न जगहों पर पंचसितारा होटलों में कार्य करेंगे और इन के माध्यम से ही हिमाचली व्यंजनों को एक पहचान भी मिलेगी।
पुनीत बंटा ने बताया कि राष्ट्रीय होटल प्रबंधन संस्थान के छात्र देश के विभिन्न नामीगिरामी होटल इंडस्ट्री में कार्य कर रहे हैं। विदेशों में भी इस संस्थान के छात्र अपनी पहचान बना चुके हैं। इसी कड़ी में अब संस्थान का अगला प्रयास हिमाचली व्यंजनों को धाम को पूरे देश तक पहुंचाने के लिए प्लान तैयार किया गया है।