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शिक्षा बोर्ड में चल रही स्टाफ की भारी कमी, कड़े कदम उठाने को मजबूर कर्मचारी यूनियन

मृत्युंजय पुरी |

मृत्युंजय पुरी। शिक्षा बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने बोर्ड प्रशासन पर कई सवाल उठाए हैं। मांगें पूरी न होने पर यूनियन ने बोर्ड अध्यक्ष की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठाए हैं। यूनियन के अध्यक्ष समेत कई सदस्यों ने कहा कि बोर्ड में स्टाफ की कमी चल रही है। बार बार कहने पर भी बोर्ड प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा है। बोर्ड मुख्यालय में ही सौ कर्मियों की तुरंत भर्ती होनी चाहिए। सीनियर असिस्टैंट के मंजूर 159 पदों में से 121 खाली चल रहे हैं।

इसी तरह क्लर्क और जेओए आईटी को मिलाकर कुल 130 पद खाली हैं। पिछले तीन साल में एक सौ अधिकारी और कर्मचारी रिटायर हुए हैं, लेकिन भर्ती न के बराबर हुई है। कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर तीन बार डिमांड दे चुके हैं, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मौजूदा समय में शिक्षा बोर्ड के कर्मचारी लंच टाइम में अपनी मांगों पर एक से डेढ़ बजे के बीच चर्चा करते हैं, ताकि काम पर असर पड़े। उधर शिक्षा बोर्ड चेयरमैन का नंबर बंद आने से संपर्क नहीं हो पाया।

28 सीनियर असिस्टैंट बनने हैं

यूनियन के मुताबिक, बोर्ड में 28 सीनियर असिस्टैंट बनने हैं। इनमें चार लोग पात्र घोषित हैं। इन चार कर्मियों की प्रोमोशन दिसंबर 2021 में हो जानी चाहिए थी, लेकिन शिक्षा बोर्ड चेयरमैन ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। यही नहीं, दो सीनियर असिस्टैंट सेक्रेटरी बनने हैं, लेकिन वे भी नहीं बनाए गए। साल 2019 में इन्हीं अध्यक्ष के कार्यकाल में दो सीनियर असिस्टैंट को सेके्रटरी बनाया गया था। यूनियन का सवाल है कि आखिर यह डबल स्टैंडर्ड क्यों? बोर्ड ने उनकी मांगें पूरी न की तो वे कड़े कदम उठाने पर मजबूर होंगे।