आम आदमी को कम पैसे में ज्यादा सुविधा चाहिए। गरीब हो या अमीर पहली प्राथमिक सरकारी अस्पताल ही रहती है, लेकिन अगर अस्पताल में अच्छी सुविधा न मिले तो निजी अस्पताल की ओर रुख करना ही पड़ता है। आम आदमी तो ठीक था लेकिन अब मंत्री जी भी कह रहे हैं कि निजी संस्थान (अस्पताल) से प्रदेश के विकास में गति मिलेगी।
दरअसल, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज संजौली में एक निजी अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे। यहां फीता काटने के बाद मंत्री जी ने खुश होकर कहा, निजी संस्थान की सेवाओं से प्रदेश के विकास को गति मिलेगी। जयराम के मंत्री के इस बयान के कई मायने निकलकर सामने आ रहे हैं। मतलब लगभग साफ है कि सरकार निजिता की ओर ज्यादा ध्यान दे रही है।
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वहीं, आईजीएमसी में कभी लिफ्ट खराब, कभी मशीन खराब, कभी जेनेरिक दवाइयों का रोना, कभी मरीज को बेड नहीं मिलने की खबरों पर कभी मंत्री या विधायक का बयान नहीं आता, जबकि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार है। वेब पोर्टल के मुताबिक, अब निजी अस्पताल के खुलने पर मंत्री ने कहा कि शिमला में इस प्राइवेट अस्पताल के खुलने से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
उन्होंने कहा सरकारी अस्पतालों में हर रोज बढ़ रही मरीजों की संख्या में भी अस्पताल के खुलने से कमी आएगी। संजौली शिमला का एक बड़ा उपनगर बनकर उभरा है, जहां इस प्रकार के संस्थान की जरूरत है। अस्पताल आधुनिक स्वास्थ्य उपकरणों से लैस है। वहीं विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं भी अस्पताल प्रशासन ले रहा है। अस्पताल प्रशासन से अपील करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि जन कल्याण की सेवा करना अस्पताल की प्राथमिकता में होना चाहिए।