हिमाचल में सरकार बदलने के बाद भी वन माफिया पर किस हद तक नकेल कसी जा रही है ये खुलासा खुद एक फॉरेस्ट गार्ड वीडियो में कर रहा है। यहां तक कि वीडियो में पुलिसकर्मी सरकार ही नहीं, बल्कि प्रशासन के कार्यशैली और उच्च अधिकारियों पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
वाक्या मंगलवार को हुई बर्फबारी के दौरान का है जब लोग रिज मैदान पर बर्फबारी का आनंद उठा रहे थे, लेकिन वहीं वन रक्षक भारी बर्फबारी के बीच वनों की रखवाली कर रहे थे। इस दौरान जब वन रक्षक रवि सहित उसके कई साथियों ने वन काटुओं को रंगेहाथ पकड़ना चाहा तो प्रशासन की लापरवाही ने उन्हें भगाने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने एक अवैध रूप से ऑयल निकालने वाले को देखा, लेकिन उनके देखते ही वे वहां से भाग निकला। उसके बाद रक्षकों ने प्रशासन को सूचना दी, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई और सभी रक्षक मौके पर खड़े रहे।
दिनभर से हो रही बारिश और बर्फबारी में वन रक्षक प्रशासन से लगभग 6 घंटे मदद की उम्मीद करते रहे, लेकिन किसी से कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद एक वन कर्मी ने अपने मोबाइल के जरिये एक वीडियो बनाया, जिसने प्रशासन और सरकार के दावों की पूरी पोल खोल दी। वीडियो में वन कर्मी अपनी पीठ पर सामान लाद कर रेंज ऑफिस की ओर लेकर जा रहा है। कर्मी वीडियो में बता रहा है कि उसने करीब 6 घंटे पहले प्रशासन को इसकी सूचना दी थी, लेकिन कोई लेबर या मदद नहीं मिली। बीआरओ मौके पर देखने पहुंचे थे, लेकिन वे भी गाड़ी में बैठकर चल दिए।
वन कर्मी यही नहीं रूका, उसने आरोप लगाया कि विभाग में कई अधिकारी काम नहीं करना चाहते हैं। इसके चलते कई कामों को लटका दिया जाता है। आज भी इन्हीं अधिकारियों को बदौलत उन्हें खुद लेबर-वर्क करना पड़ रहा है और वे भी भारी बर्फबारी के बीच। वन कर्मी का कहना है कि भयंकर ठंड के बीच हमे जान का बी खतरा बना हुआ है, लेकिन प्रशासन को इसकी कोई परवाह नहीं है।