पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह समेत अन्य दोषियों को नोटिस जारी किया है। अब सभी को इस मामले में 4 सप्ताह के भीतर कोर्ट को जवाब देना होगा।
दरअसल, सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें कहा गया था कि सीबीआई को हिमाचल में जांच करने से पहले राज्य सरकार की सहमति लेनी होगी। मामले में सीबीआई का कहना है कि जब आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच शुरू हुई थी। उस वक्त वीरभद्र सिंह केंद्र सरकार में मंत्री थे। जांच के दौरान वह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने।
इससे पहले 8 दिसंबर को इस मामले पर जस्टिस एएम खानविलकर ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था। ये सारे घटनाक्रम यूपीए-टू के कार्यकाल के दौरान थे। वीरभद्र सिंह यूपीए-टू सरकार में इस्पात मंत्री थे। वीरभद्र सिंह पर इस्पात कंपनियों से कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप लगे। एक डायरी में दर्ज एंट्री के अनुसार वीरभद्र सिंह को रिश्वत दी गई। चूंकि डायरी में जिस कंपनी का नाम था, उसकी तरफ से कोई शिकायत नहीं थी, लिहाजा मामला बंद हो गया। बाद में वीरभद्र सिंह ने अपनी आयकर रिटर्न संशोधित की तो मामला फिर से खुला।
वीरभद्र सिंह पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। सीबीआई की गिरफ्तारी से बचने के लिए वीरभद्र सिंह हिमाचल हाईकोर्ट पहुंचे। यहां से उन्हें राहत मिली और हिमाचल हाईकोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि बिना अदालत को सूचित किए वो वीरभद्र सिंह को गिरफ्तार न करे। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को हिमाचल हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट स्थानांतरित किया था। अब सारी सुनवाई दिल्ली में हो रही है।