<p>प्रवक्ताओं से प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी औऱ न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद आदेश पारित किए। आदेश में राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह दो पदों को छोड़कर अन्य सभी पदों को भर लें। कोर्ट के इन आदशों से समस्त प्रदेश के प्रवक्ताओं ने राहत की सांस ली है।</p>
<p>मामले के अनुसार याचिकाकर्ता ने पदोन्नति लिस्ट में अनियमितताएं बरतने का आरोप लगाया था। इस लिस्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने 18 दिसंबर, 2019 में प्रधानाचार्य की पदोन्नति पर रोक लगाई थी। मामले के अनुसार बहुत सारे प्राध्यापक प्रमोशन की आस में पिछले लगभग 2 साल से बैठे हैं और कई प्राध्यापक बगैर प्रमोशन के सेवानिवृत्त भी हो गए हैं। गौरतलब है कि इस समय हिमाचल प्रदेश में 370 से ज्यादा प्रिंसिपल के पद खाली चल रहे हैं। अंतिम बार प्रिंसिपल की प्रमोशन लिस्ट 2018 को निकाली गई थी।</p>
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