हिमाचल प्रदेश में सन 2005 से लेकर आज तक ह्यूमन राइट्स का दफ्तर शुरू नहीं हुआ है। हैरानी इस बात की है कि हमीरपुर से ही एक सेवानिवृत्त अधिकारी सुरेंद्र धीमान ने ह्यूमन राइट्स को एक आवेदन पिछले साल किया था जिसका जवाब ठीक 11 महीने बाद उन्हें मिला है। इसमें कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश में ह्यूमन राइट्स का कोई कार्यालय कार्यरत नहीं है इसलिए हम आपके प्रश्न का जवाब नहीं दे सकते।
इस मामले से खेल संबंधित व्यक्ति ने ह्यूमन राइट से पूछा है कि अगर आपके पास 2005 से ह्यूमन राइट्स का दफ्तर नहीं है तो आपने मना करने का जवाब देने में 1 साल का समय क्यों लगा दिया। वहीं जब हमने हिमाचल प्रदेश के लोकायुक्त कार्यालय में संबंधित जानकारी के लिए फोन किया तो वहां से भी यही जानकारी मिली कि 2005 से ह्यूमन राइट्स का ऑफिस बंद चल रहा है। इसके साथ ही 2016 से हिमाचल प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति भी सरकार से नहीं हो पाई है।