जंजैहली विवाद को शांत करने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और फिर उनके ओएसडी शिशु धर्मा कई दफा लोगों से मिलकर आए। लेकिन, यहां लोगों को सिर्फ एसडीएम कार्यालय चाहिए, जिसके चलते लोगों ने यहां पर्यटन को भी ठुकरा दिया। इसी के चलते आज भी जंजैहली में क्रमिक अनशन जारी है और लोग एसडीएम ऑफिस की मांग पर अड़े हैं।
दरअसल, जब मुख्यमंत्री के समझाने पर भी लोग यहां नहीं माने तो उन्होंने यहां पर्यटन से संबंधित किसी प्रोजेक्ट को देने की बात की, लेकिन सिराज मंच ने इस मांग को ठुकरा दिया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने लोगों को 7 दिन के लिए एसडीएम को जंजैहली में बिठाने की बात भी कही थी, जिसे भी लोगों ने रिजेक्ट कर दिया था। इसके बाद ओएसडी शिशु धर्मा यहां लोगों से मिलने पहुंचे और 15-15 दिन का एक प्रस्ताव इस कार्यालय को लेकर रखा, लेकिन आबादी के अनुसार ये प्रस्ताव पास नहीं हो सका।
वहीं, इस मामले में जिला सचिव चमन लाल ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बावजूद भी सरकार लोगों से बात कर रही है, लेकिन लोग बात सुनने तक को तैयार नहीं है। पर्यटन यहां एक महत्वपूर्ण रोज़गार है, लेकिन लोग पर्यटन का कोई नया प्रोजेक्ट लाने को भी तैयार नहीं। वे सिर्फ एक ही मांग पर अड़े हुए हैं जो कि टेक्निकली पूरी नहीं हो सकती।