कोरोना के चलते प्रदेश में 16 मई तक कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है। लेकिन ये कोरोना कर्फ्यू गरीब औऱ रोज कमा कर खाने वालों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। न तो सरकार उनकी कोई आर्थिक मदद कर रही है औऱ न ही जिले के प्रशासन। अगर ये लोग थक हार अपने स्तर जरूरी सामान जैसे फल सब्जी की बिक्री भी कर रहे हैं तो सरकार के आदेश और जिला प्रशासन की सख़्ताई इन्हें न कमाने पर मजबूर कर रही है।
दरअसल, कोरोना कर्फ्यू से पहले कांगड़ा शहर औऱ शिमला के कई गरीब लोग छोटी दुकानों पर काम करके या किसी जगह काम करते थे। कोरोना कर्फ्यू के दौरान सब काम बंद पड़ गया और इन गरीब लोगों का रोजगार छिन गया। सरकार औऱ किसी से भी आर्थिक मदद न मिलने पर इन लोगों ने कर्फ्यू ढील में जरूरी सामान जैसे फल सब्जी की बिक्री के माध्यम से रोजी कमाने की सोची। फल सब्जी का काम करने पर ऐसे ही कई लोगों ने बंद दुकानों के बाहर ढेरा डाला औऱ सामान बेचना शुरू कर दिया। 3 घंटे में जो भी कमाई होती है उससे वे अपने घर का खर्च चलता हैं। लेकिन प्रदेश और जिलों में बढ़ती सख़्तियां अब उनके इस पार्ट टाइम रोजगार पर पानी फेर रही है।
कांगड़ा शहर सहित अन्य जगहों पर पुलिस प्रशासन उन्हें आदेशों के हिसाब से बंद दुकानों औऱ स्थानीय रोड के साइड पर फड़ी लगाने से रोक रहा है। कांगड़ा शहर में बुधवार सुबह सवेरे भी इस बात को लेकर काफी हंगामा हुआ। लोगों की बात मानें तो उनका कहना है कि वे कहां जाएं। न तो सरकार की कोई आर्थिक मदद है और ऊपर से ये 3 घंटे में जो पार्ट टाइम काम कर रहे हैं उसके लिए जगह नहीं मिल रही। दुकानों या सड़क के किनारे पुलिस चालान की बात कर रही हैं। सरकार और जिला प्रशासन को इस बारे में जरूर सोचना चाहिए। वहीं, कांगड़ा शहर की पुलिस का यही कहना है कि वे अपने आदेशों से काम कर रही है। जो भी रियायत हो सकती है वे सरकार ही करेगी, हमें जो आदेश हैं उसी हिसाब से काम हो रहा है।
यहां पुलिस की बात मानें तो वे भी सरकार और जिला प्रशासन के आदेश के अनुसार ही काम कर रहा है। स्थानीय लोग औऱ गरीब लोगों की ऐसी समस्या भी ऐसे वक़्त में वाजिब नज़र आ रही है, क्योंकि सरकार की ओर से अभी तक कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है। ऐसे में या तो सरकार इन्हें कुछ आर्थिक मदद मुहैया करवाए या फ़िर कुछ रियायत दे ताकि ये लोग किसी महफ़ूज या ट्रैफिक को न रोकने वाली जगहों पर बसेरा डालें।
शिमला में डीसी ने आज दिए निर्देश
वहीं, शिमला जिला में भी लोगों की कुछ ऐसी ही समस्याएं आज सामने आई हैं। वहां भी कुछ गरीब लोगों का यही कहना है। वहीं, जिला प्रशासन शिमला की बात करें तो प्रशासन की ओर से आज ही निर्देश दिए गए हैं कि दुकानों के बाहर फड़ी लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। डीसी शिमला ने ये निरीक्षण के बाद आदेश जारी किए हैं। उन्होंने साफ़ कहा कि दुकानों के बाहर फड़ी लगाने वालों की बदौलत गैदरिंग ज्यादा हो रही हैं जिसके चलते ये आदेश दिए गए हैं।