अभिभावकों में रोष पीडा होना लाजमी है, क्योंकि जब स्कूल से एक होनहार शिक्षक का तबादला कर दिया जाता है तो ऐसे में बच्चों पर क्या असर पड़ रहा है यह तो बच्चों और अभिभावकों को ही पता होगा। जहां एक ओर जयराम सरकार सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने की बात करती है, वहीं आज अभिभावक सरकारी स्कूल से अपने बच्चों को निकालने की बात कर रहे हैं। ये सारा मामला एक शिक्षक के तबादले से हो रहा है।
कांगड़ा के सुलह विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बारी पंचायत के प्राइमरी स्कूल का माहौल गर्मियों में और भी ज्यादा गर्म हो गया है। एक अध्यापिका का तबादला कर दिया गया है जिससे अभिभावकों में काफी रोष है। अभिभावक तबादले का विरोध भी कर चुके हैं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। सरकार में मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार से भी इस तबादले को रोकने की गुहार लगाई गई, लेकिन उनके कान पर भी जूं तक नहीं रेंगी। अब एस एम सी प्रधान बंदना पटियाल ने इसका विरोध जताते हुए कहा है कि अगर अध्यापिका का तबादला नहीं रोका गया तो सभी लोग अपने-अपने बच्चों को स्कूल से निकाल लेंगे।
इस स्कूल का हाल ऐसा है कि यहां पर तीन अध्यापक हैं और बच्चों की संख्या केवल तीस के करीब है। आज स्कूल में बच्चे नहीं आये, अगर आये भी तो केवल दस बच्चे ऐसे में पढ़ाई कैसे होगी और कब तक यह मसला हल होगा जो एक बड़ा सवाल है।