धर्मशाला के डीसी कार्यालय पर सबसे बड़े जिले का भार है और कांगड़ा जिला सबसे बड़ा जिला है। लेकिन ऐसे में इस कार्यालय में एक भी आग बुझाने वाला संयत्र ठीक नहीं है। सभी मंजिलों पर लगे फायर एक्स्टिग्विशर एक्सपायर हो चुके हैं, जिससे ये साबित हो जाता है कि दूसरों को उजाला दिखाने वालों के घर में ही अंधेरा पसरा पड़ा है।
वहीं, डीसी इस बात को मान रहे हैं कि चुनावों के चलते टेंडर नहीं भरा गया होगा। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि चुनावों के बाद नतीजे भी आ गए और उसके बाद भी इस पर किसी का ध्यान नहीं गया। बता दें कि डीसी राकेश प्रजापति ने हाल ही में कार्यभार संभाला है, लेकिन कांगड़ा के पूर्व डीसी संदीप कुमार को श़ायद इसका ध्यान ज़रूर देना चाहिए था।