हिमाचल प्रदेश का दूसरे सबसे बड़ा अस्पताल टांडा मेडिकल कॉलेज आए दिन चर्चाओं में रहता है। आख़िर हो भी क्यों न… कभी डॉक्टर और स्टाफ की लापरवाहियां तो कभी सुविधाओं को आभाव। ये दोनों चीजे अस्पताल में चर्चा का विषय रहती हैं और उस पर कोई जांच या कार्रवाई नहीं होती। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार सबकुछ सही होने की बात तो कहते हैं, लेकिन वे सिर्फ मीडिया के बयान तक ही सीमित रहता है।
अब जब गर्मी का मौसम अप्पर लेवल पर है तो टांडा अस्पताल में कई वार्डस के AC साथ छोड़ चुके हैं। कई वार्ड्स के एसी काफ़ी समय से धूल फांक रहे हैं और इसकी कोई रिपेयरेंस नहीं होती। कई दफ़ा इनके ऊपर सरेआम चूहे, कोकरोच आदी दिखाई पड़ते हैं। लेकिन प्रबंधन इस पर कोई ध्यान नहीं देता। हालात देख़कर तो ऐसा लगता है कि यहां मरीज क्या ठीक होगा.. जहां खुद इतनी गंदगी हो।
वहीं, जब टांडा एम एस से बात की गई तो उन्होंने कहा की ऐ सी को बदलने का काम शुरू कर दिया है और जल्द ही ऐ सी बदले जाएंगे और लोगों की सुविधा को बरकरार किया जाएगा।