प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल है, टांडा मेडिकल कालेज । उम्मीद की जाती है कि यहां हर तरह की सुविधायें अप टू डेट होंगी । लेकिन किसी भी अस्पताल की सबसे बुनियादी चीज होती है, बिजली । अस्पताल जैसे इमरजेंसी सेवाओं में बगैर बिजली की कल्पना ही नहीं की जा सकती ।
बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से इस अस्पताल में बिजली की आंख मिचौली चल रही है । दोपहर के वक्त रोजाना कई बार पावर कट हो रहा है । मेडिकल स्टाप का कहना है कि इससे कई तरह की समस्या आती है । मरीजों की संख्या भी इस अस्पताल में ज्यादा रहती है । बिजली गुल होने पर मेडिकल स्टाप मोबाइल से रोशनी कर अपना काम करते हैं । मरीज का चेकअप भी ऐसे ही होता है । कारण, चेकअप के दौरान ही बिजली गुल हो जाती है । ऐसा नहीं है कि अस्पताल में बिलजी की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है । लेकिन वो भी कारगर नहीं है । वैकल्पिक व्यवस्था भी सिर्फ रोशनी के लिये ही है ।
यहां अपने एक जानकार को रक्त दान करने आये शख्स ने बताया कि रक्तदान के दौरान बिजली गुल हो गयी । बिजली आयी भी तो सिर्फ लाइट जले । पंखे और एसी काम ही नहीं कर रहे थे । ये बिजली के कारण इकलौती समस्या नहीं है । ऐसे कई समस्याओं से मरीज, तीमारदार और मेडिकल स्टाफ को रोजाना रुबरु होना पड़ रहा है ।
यहां इस बात का जिक्र करना भी जरुरी है कि ये अस्पताल सूबे के स्वास्थय मंत्री के गृह जिले में स्थित है और उनके विधानसभा क्षेत्र से काफी नजदीक भी है । इसके बाद भी प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल में ये समस्या आ रही है ।