कांगड़ा शहर में इन दिनों बिजली के लगातार लग रहे कट ने लोगों को परेशान कर रखा है। आए दिन यहां लगातार बिजली के लंबे-लंबे कट लग रहे हैं और विभाग इसपर कुछ बोलने के बजाए मुंह पर ताले जड़े हुए बैठा है। हाली ही में शुक्रवार रात क़रीब 4 बजे बिजली गुल रही और सुबह क़रीब बिजली बहाल की गई। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि बारिश के चलते बिजली बाधित हो गई थी। लेकिन लोगों का कहना है विभाग के अधिकारी झूठ बोल रहे हैं और जानबूझ बिजली बंद रखी जा रही है।
शनिवार रात 10 बजे भी विभाग ने बिजली की सप्लाई बंद कर दी और अभी तक बिजली का कोई अता पता नहीं है। यहां तक कि समाचार फर्स्ट ने जब बकायदा जेई कांगड़ा यशपाल और SDO कांगड़ा को फोन किया था तो फोहतरमा ने फोन नहीं उठाया। जब डिविजन ऑफिस के लैंडलाइन पर भी फोन किया गया तो वहां भी सभी सोये पड़े थे। थक हार के जब ऑनलाइन कंपलेंट दर्ज करवानी चाही तो उन्होंने ये कहकर टाल दिया कि 12 घंटे में आपकी बिजली सुचारू हो जाएगी।
भला बताओ इस कंपलेंट का क्या फायदा जो 12 घंटे बाद ही काम में आए। यहां तक कि अधिकारियों के फोन भी शायद साइलेंट होंगे। अब ये दलील देना ही ठीक होगी, क्योंकि इस भरी गर्मी में किसी को नींद आने से रही या फिर इनवर्टर लगा रखा हो तो अलग बात है। दिन भर बिजली सुचारू रखी जाती है और रात के समय बिजली की बचत की जाती है।
यहीं नहीं, अगले कल तो ये बात सामने आने वाली है कि बरसात के चलते बिजली बाधित थी, लेकिन यदि इस बात में इतनी ही सच्चाई है तो क्यों कोई अधिकारी फोन पर नहीं बताता। केयर सेंटर वालों को खुद इस बात का पता तक नहीं और वे साफ कहते हैं कि आज बिजली आना तो मुश्किल है। ख़ैर जो भी हो सिस्टम को क्या कहें… आखिर है तो सरकारी ही! लेकिन एक सवाल यहां जरूर खड़ा होता है कि 24 घंटे बिजली-पानी देने के वादा करने वाले नेताओं के अधिकारियों ने डिपार्टमेंट की सच्चाई को सामने रख दिया है।