Follow Us:

पर्यटन जिला कुल्लू में 31 मार्च तक साहसिक गतिविधियों पर लगी रोक

पी. चंद |

कुल्लू में पर्यटक अब पैराग्लाइडिंग के साथ ब्यास की धारा पर होने वाली रिवर राफ्टिंग का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पर्यटन विभाग ने इस पर एहतियात रोक लगा दी है। पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग के साथ जिले में होने वाली सभी तरह की साहसिक गतिविधियों को आगामी आदेश न आने तक बंद कर दिया है। इससे कुल्लू में पर्यटन कारोबार खासा प्रभावित हो गया है।

भले ही जिले में कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन अब यहां पर पर्यटकों की संख्या कम हो रही है। इसे लेकर जिला पर्यटन अधिकारी की अध्यक्षता में बीते दिन को पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग ऑपरेटरों के साथ एक बैठक की। इसमें देश और दुनिया में दिनों दिन बढ़ते कोरोना के कहर को देखते हुए साहसिक गतिविधि को आगामी आदेश तक प्रतिबंध लगा दिया है। जिला पर्यटन अधिकारी बीसी नेगी के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर सरकार के आदेशों के तहत इस पर रोक लगाई गई है।

वहीं, वन, परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर का कहना है कि गत दिनों हुई बैठक में पैराग्लाइडिंग औऱ राफ्टिंग एसोशिएशन के सदस्यों ने मिलकर यह निर्णय लिया है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए उनका सहयोग भी आवश्यक है। गौर रहे की कुल्लू-मनाली के सैर सपाटे पर आने वाला हर पर्यटक साहसिक गतिविधियों का आनंद उठाता है। जिले के सोलंगनाला, मढ़ी, डोभी, मझाच, तलोगी, कोठी, गड़सा तथा नांगाबाग में पैराग्लाइडिंग साइट हैं। रायसन, बबेली तथा पिरड़ी समेत करीब आधा दर्जन जगहों पर रिवर राफ्टिंग की जाती है। इसमें जिले के सैकड़ों युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है।