प्रदेश इंटक मंज़दूर संगठन के महामंत्री और मंडी के नेरचौक से नगर पार्षद रजनीश सोनी की मेहनत रंग लाई है। ग़रीबों के हक में उनको ईपीएफ़ सुविधा मिल पाए इसके लिए उन्होंने EPF कमीश्नर के पास 27 दिसम्बर 2018 को लिखित शिकायत की थी। तीन से पांच महीनों की जांच में EPF अधिकारियों ने पाया कि साल 2016 में नगर परिषद नेरचौक का गठन हुआ था और तब से वर्तमान तक ही सफाई कर्मचारियों को EPF, ESI उनके मौलिक अधिकारों से वंचित रखा जाता रहा।
इस संदर्भ में पार्षद रजनीश सोनी ने इन गरीब सफाई कर्मचारियों को इनके अधिकार दिलवाने के लिए कड़ा रुख अपनाया था और RTI के माध्यम से जानकारी जुटा के प्रेस वार्ता भी की। परिषद के आला अधिकारियों, अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के खिलाफ गम्भीर आरोप लगाते हुए उनसे त्याग पत्र की मांग भी की थी लेकिन तब नेरचौक के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था।
अब करवाई होने के बाद रजनीश सोनी ने कहा कि सत्य की जीत हुई और इन गरीब कर्मचारियों को न्याय मिला। इसके लिए सभी सफाई कर्मचारियों को बधाई और इस लड़ाई में नगर परिषद की पोल खुल के सामने आई है कि कैसे पूर्व में अधिकारियों ने ठेकेदारों की पैमेंट के वक्त ठेकेदारों द्वारा निर्धारित EPF भी जमा नहीं करवाया गया और इन कर्मचारियों का शोषण होता गया।
रजनीश सोनी ने खुशी व्यक्त की है कि EPFO ने वर्ष 2016 के अंतर्गत EPFO के क्षेत्रीय कार्यालय शिमला ने नगर परिषद नेरचौक को कोड निर्धारित कर दिया है और दिसम्बर 2016 से मई 2019 तक कि अवधि का करीब 11,75,084 रु की रिकवरी का आकलन किया है। यह रकम जो कि गरीब कर्मचारियों के खाते में जमा होगी और नप नेर चौक के के खिलाफ EPF अधिनियम 1952 की धारा 7(ए) के तहत कड़ी करवाई की अनुशंसा भी की है जिसकी पुष्टि खुद सहायक आयुक्त ने की है।