हिमाचल के मंडी पंडोह में हुए HRTC बस हादसे में ड्राइवर की मौत हो चुकी है। ड्राइवर ने 38 लोगों की जान बचाते हुए अपने जान कुर्बान कर दी। बेशक मृतक इंसान की कीमत तो कोई नहीं भर सकता लेकिन राहत के तौर पर सरकार ने उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी दे दी है। लेकिन इसी हादसे में जीवन की जंग लड़ रहे कंडक्टर निशांत कुमार पर शायद सरकार से लेकर कोई गौर नहीं कर रहा। वे अभी भी जिंदगी और मौत से PGI चंडीगढ़ में जंग लड़ रहे हैं।
डॉक्टरों ने बताई निशांत की हालत
जानकारी के मुताबिक, पीजीआई के डॉक्टर्स ने कंडक्टर निशांत कुमार को काफी चोटिल बताया है। उनकी टांग, कांधे से लेकर गले की हड्डी तक का ऑपरेशन होना है। डॉक्टर्स की मानें तो उनका इलाज अभी लंबा चलेगा और इसके लिए काफी खर्च भी आएगा। ऐसे में सोशल मीडिया पर कंडक्टर निशांत कुमार के लिए एक कैंपेन चल रहा है। इस कैंपेन के माध्यम कंडक्टर निशांत कुमार के इलाज के लिए पैसे जुटाए जा रहे हैं क्योंकि निशांत कुमार के अलावा उनके घर पर रोजी का और कोई भी सोर्स नहीं है।
पिता का देहांत, मां को है कैंसर
ख़बर है कि निशांत के पिता का देहांत हो चुका है, जबकि माता कैंसर से पीड़ित हैं। निशांत को पिता की मौत के बाद करुणामूल्क के आधार पर नौकरी मिली है। नौकरी मिली ही है तो अब ये हादसा पेश में आया जिसमें निशांत कुमार गंभीर स्थिति में आ पहुंचे हैं। उनकी मां ये तक कह रही हैं कि वे अपनी कैंसर की दवाई नहीं लेंगी, लेकिन उनके बेटे का इलाज सही से हो जाए। ऐसे में हम आपको और शासन-प्रशासन को इनकी भी मदद करनी चाहिए।
मदद की दरकार
मदद के लिए सोशल मीडिया पर एक नंबर वायरल हो रहा है जो खुद निशांत कुमार का है। लेकिन इस नंबर समाचार फर्स्ट ने संपर्क करना चाहा तो ये बंद जा रहा है। लेकिन सोशल मीडिया पर खंगालने पर पता चला कि रिषभ धीमान के अकाउंट पर आप जख्मी कंडक्टर के इलाज के लिए कुछ सहायता भेज सकते हैं। कांगड़ा के बिरता से संबंधित रिषभ धीमाल उनके भाई हैं। जिनकी डिटेल नीचे शेयर कर दी गई है। हालांकि, किसी भी तरह कि ट्रांसफर से पहले अपने एक बार आप चेक जरूर करें। इस अकाउंट पर समाचार फर्स्ट का कोई विश्वासनीय सूत्र या धार नहीं है।