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मार्च में 94 प्रतिशत कम बारिश, गर्मी बढ़ने से कृषि और बागवानी पर भी पड़ेगा असर

डेस्क |

हिमाचल प्रदेश में इस बार गर्मी सारे रिकॉर्ड तोड़ने की ओर बढ़ रही है। जो गर्मी अप्रैल माह के आखिर में होती थी वे मार्च माह में ही देखने को मिल रही है। क्योंकि इस बार मार्च माह में बारिश नाममात्र ही हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, इस बार मार्च में 94 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। कई जिलों में न के बराबर हुई है। मार्च में गर्मी से राहत मिलने वाली नहीं है, क्योंकि वर्षा की संभावना बेहद कम है।

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2004 में सामान्य से 99 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। इसके साथ ही 2008 में 96 प्रतिशत कम और मार्च 2022 में 94 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ेगी और तापमान में वृद्धि होगी। इससे प्रदेश के 70 प्रतिशत असिंचित क्षेत्र में सबसे अधिक असर होगा।

मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल का कहना है मार्च में वर्षा की संभावना कम है और सूखे की स्थिति रहने का अनुमान है। कई स्थानों पर गर्मी के पुराने रिकार्ड टूटे हैं। मार्च में सूखे के कारण सभी फल व फसलें प्रभावित हुई हैं। इसका असर उत्पादन पर पड़ेगा। गेहूं और अन्य फसलें जल्द तैयार होंगी और दाना पूरा नहीं बनेगा।

अधिकतम तापमान का रिकार्ड टूटा

मौसम विभाग के पास 2000 से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मनाली में 16 मार्च 2022 को अब तक का सबसे अधिक 32.2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इससे पहले 29 मार्च 2010 को सबसे अधिक 31.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। मनाली में 17 मार्च 2022 को सबसे अधिक तापमान 27.5 डिग्री दर्ज किया गया। इससे पहले 2004 में 27.4 डिग्री दर्ज किया गया था। भुंतर में सबसे अधिक तापमान 30 मार्च 2017 को 32.9 डिग्री, शिमला में 27 मार्च 2004 को 27.2 डिग्री व ऊना में 31 मार्च 2010 को 39.4 डिग्री दर्ज किया गया था।

गौरतलब है कि हिमाचल में इस बार मार्च में सूखा और ज्येष्ठ मास जैसी गर्मी है। अंबर खुश्क होने से धरती का पारा चढ़ गया है। मौसम में आए बदलाव ने लोगों के साथ फलों और फसलों को भी प्रभावित किया है। कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर का कहना है कृषि फसलों पर सूखे का असर पड़ा है। इससे उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है।