एक ओर जहां सरकार दो बेटियों के परिवारों को प्रोत्साहित करने के लिए सार्वजनिक रूप से सम्मानित कर रही है, वहीं समाज में अभी भी ऐसे परिवार हैं जिनमें महिलाओं को बेटी को जन्म देने के एवज में प्रताड़ना सहन करनी पड़ रही है। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां की ग्राम पंचायत बड़ोह में सामने आया है। यहां बेटी के पैदा होने पर एक महिला को उसके परिजनों ने घर से निकाल दिया। महिला फिलहाल अपने मायके में रह रही है लेकिन अभी तक ससुराल पक्ष ने उसे वापस नहीं बुलाया।
वहीं महिला ने अपने पति और सास पर उसे जान से मारने की कोशिश करने का आरोप लगाए हैं। उसके पति तथा सास उस समय से उसे ताने देते रहते हैं, जब आज से 11 साल पहले उसने पहली बेटी को जन्म दिया था। उन्होंने यह शर्त भी रखी कि अगला बच्चा लड़का होना चाहिए, नहीं तो अंजाम बुरा होगा। पीडि़ता ने अपनी शिकायत में लिखा है कि परिवार के भारी दवाब के बावजूद उसने दूसरे गर्भ का परीक्षण नहीं होने दिया और आठ माह पूर्व उसे दूसरी बार बेटी हुई।
पीडि़ता ने कहा है कि दूसरी बेटी के जन्म के साथ ही उसके साथ परिवार की प्रताड़ना तेज हो गई। यही नहीं, 24 जून को उसके पति ने उसे जान लेने की धमकी के साथ मार-मार कर अचेत कर दिया। इसकी सूचना जहां सारे गांव तक पहुंच गई, वहीं बड़ोह पुलिस चौकी में भी शिकायत दर्ज करवाई गई। उसने साफ कहा है कि यदि उसे न्याय नहीं मिला तो वह अपनी दोनों बेटियों के साथ अपनी भी ईहलीला समाप्त कर लेगी।
विकास खंड की ग्राम पंचायत बलोल में ब्याही सुनीता ने उपायुक्त कांगड़ा और पुलिस अधीक्षक से न्याय की मांग करते हुए साफ कहा है कि उसे न्याय नहीं मिला तो वह अपनी दो बेटियों संग जान दे देंगी। बहरहाल जिला मुख्यालय ने नगरोटा बगवां थाना प्रभारी को छानबीन के लिए मामला सौंप दिया है।