जयराम सरकार बेशक पेट्रोल-डीज़ल में वैट कम करके प्रदेश के जनता को कुछ हद तक राहत देने की कोशिश की है। लेकिन, हिमाचल की जनता कह रही है, 'ये दिल मांगे मोर'। समाचार फर्स्ट ने जैसे ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 5 रुपये की कमी की खबर पब्लिश की…तो भारी संख्या में लोगों ने कॉमेंट के जरिए जयराम सरकार के सामने किराया बढ़ोतरी का मु्द्दा उछाल दिया।
बस किराये में इजाफे की चोट से घायल जनता ने पूछा, '' पेट्रोल और डीजल के दाम सरकार ने तो कम कर दिए, अब लगे हाथ बस किराया भी कम कर दे।" एक पाठक ने लिखा कि तेल का दाम कम हो गया, सरकार बस किराया कब कम करने वाली है?
गौरतलब है कि बस किराये में इजाफे से प्रदेश की जनता बेहद नाराज़ है। ऐसा लगा था कि पेट्रोल की कीमतों में कमी के बाद जनता थोड़ी राहत लेगी। लेकिन, हिमाचल की जनता उल्टा सरकार पर बरस पड़ी है। कुछ लोगों ने पूछा कि किराया बढ़ोतरी का जब बस ऑपरेटर बवाल मचा रहे थे, तब क्यों नहीं सरकार ने वैट कम करके लोगों को राहत देने का काम किया।
निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल के बाद जयराम सरकार ने कैबिनेट में 24 फीसदी के क़रीब किराया बढ़ाया था। यहां तक कि न्यूनतम किराये को 3 से सीधे डबल कर 6 रुपये दिया। सरकार के इस फैसले का विपक्षी दलों ने भारी विरोध किया। लोगों का कहना है कि अब सरकार किराये में कमी करें। वर्ना पेट्रोल-डीजल में कमी का फायदा सीधे-सीधे बस ऑपरेटरों की जेब में जाएगा और जनता पर मार पहले की तरह ही बरकरार रहेगी।