कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच करीब 13 घंटे बाद वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया। जिसके बाद सभी गाड़ियों को नेशनल हाईवे पांच से भेजा गया। परवाणू से सोलन तक फोरलेन निर्माण के चलते शनिवार रात 9 बजे से सुबह चार बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बन्द किया गया था और वाहनों को लिंक रोड से डायवर्ट किया गया था।
इस दौरान सनवारा के पास एक बड़ी पहाड़ी के ऊपर अटके बड़े-बड़े पत्थरो की कटिंग की गई। लेकिन कटिंग किए गए पत्थरों के सड़क पर पड़े रहने से 6 घंटे का अतिरिक्त समय लग गया इसके चलते लोगो को काफी परेशानी हुई है। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन का पूरा आमला रात भर सड़क पर तैनात रहा।
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने बीती शाम प्रशासन को सूचित किया कि दरक रही चट्टान को तोड़ कर हटाना बेहद जरूरी हो गया है। अन्यथा कोई अनहोनी हो सकती है। तुरंत ही प्रशासन ने फैसला लेते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैफिक बंद करने का प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया।
उल्लेखनीय है कि दरक रही चट्टान को अगर समय रहते नहीं हटाया जाता तो इसके चलते ट्रैफिक पर गिरने की आशंका थी। सोलन के अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी विवेक चंदेल सहित अन्य प्रशासनिक और प्राधिकरण के अधिकारी रात भर हाईवे पर ही मौजूद रहे। सुबह साढे़ 3 बजे तक बोल्डर हटाने का कार्य पूरा हुआ तो कुम्हारहट्टी के आसपास ट्रैफिक की समस्या पैदा हो गई। 9 बजे तक ट्रैफिक को नियंत्रित करना भी चुनौती बन गया था। इस ऑपरेशन में एक खास बात का ध्यान यह भी रखा गया कि मलबा टूटकर निचले हिस्से में न जाए, क्योंकि इससे रेलवे लाइन को भी क्षति पहुंच सकती थी।
कुल मिलाकर प्रशासन ने चंद घंटों में ही अहम फैसला लेकर हाईवे से संभावित अनहोनी को टाल लिया है। कालका-शिमला हाईवे के फोरलेन कार्य की वजह से प्रशासन के सामने भी कई बड़ी चुनौतियां आ रही हैं।