<p>हिमाचल प्रदेश में बेमौसमी बरसात ने सेब बागवानों को 250 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है। जनवरी से मार्च तक जब बारिश और बर्फ़बारी की जरूरत थी उस वक़्त मौसम की बेरुखी के चलते सूखा रहा। लेकिन अप्रैल और मई माह में सामान्य से ज्यादा बारिश ओलावृष्टि व बर्फ़बारी ने सेब बागवानों की कमर तोड़ दी है। रही सही कसर बीमा कंपनियों ने निकाल दी है जिन्होंने बीमा के नाम पर करीब 1500 से 8000 रुपये प्रीमियम काटा गया, लेकिन नुकसान होने पर 15 से 75 पैसे मुआवजा देकर मजाक किया गया।</p>
<p>सेब, फल फूल सब्ज़ी उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान का कहना है कि बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि और बर्फ़बारी ने बागवानों की कमर तोड़ कर रख दी है। ओलावृष्टि के साथ आंधी ने सेब के पेड़ तक उखाड़ डाले, जिससे बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। आंकलन सिर्फ 250 करोड़ का है लेकिन ये नुकसान 500 करोड़ से ज्यादा का हो सकता है। सरकार हर बार नुकसान का आंकलन तो करती है लेकिन मुआवजे के नाम पर बागवानों को कुछ नहीं मिलता है। सरकार की बागवानों के नुकसान के भरपाई के लिए एक सेब संरक्षण कोष गठित करना चाहिए ताकि उनको उचित समय पर मुआवजा मिल सके।</p>
<p>उधर, बागबानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर भी मानते है कि इस बार बेमौसमी बरसात, बर्फ़बारी और ओलावृष्टि से बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। इसका आंकलन 250 करोड़ किया गया है। राज्य सरकार के पास इतना पैसा नहीं है कि वे इसकी भरपाई कर सके। इसलिए केंद्र को आंकलन भेजा जाएगा। बीमा कंपनियों द्वारा बागवानों से ठगी पर महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि मामला गंभीर है। इस लिए मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की जाएगी यदि जरूरी हुआ तो किसी केंद्रीय जांच एजेंसी से मामले की जांच करवाई जाएगी।</p>
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