शिमला में कूड़े के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। मौजूदा वक़्त में कूड़े के दाम 35 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये कर दिए गए, लेकिन राजधानी में कूड़े की व्यवस्था सही नहीं हो पाई। घर-घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करने की मुहीम भी फ़िसड्डी ही साबित हुई है जिसका उदाहरण जगह-जगह लगे ये कूड़े के ढेर देते हैं।
लेकिन इन कूड़े के ढेरों से स्व जनता परेशान है। ये कूड़े के ढेर की तस्वीर मल्याणा वार्ड की है जहां सड़क किनारे कूड़ा पड़ा हुआ है। ये अकेले मल्याणा के हाल नहीं है, बल्कि ऐसी हालत शिमला के कई वार्डों की है। कई जगह कई-कई दिनों तक कूड़ा लेने वाले नहीं आते हैं। जहां कूड़ा लेने वाले आते है वहां कूड़े को गाड़ियां कूड़ा नहीं उठाती हैं। बाकी कूड़ा सयंत्र के हाल किसी से छिपे नहीं रहे है।
नगर निगम हर साल कूड़े, सीवरेज, पानी सहित कई चीजों पर टैक्स तो बढ़ा देता है लेकिन सुविधाओं के नाम पर लोगों को कुछ नहीं मिल रहा है। इस तरह के कूड़े के ढेर पर्यटकों सहित लोगों का स्वागत करते नजर आते हैं। यहां तक निगम की ओर से बिजली बनाने के साथ-साथ कई बड़े दावे भी किए गए थे जो अब सड़क किनारे पोल खोल रहे हैं।