नशा मुक्ति भारत अभियान के तहत संचालित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का सक्रिय रूप से क्रियान्वयन करें, ताकि इसके साकारात्मक परिणामों से प्रभावित लोगों को लाभान्वित किया जा सके। डीसी शिमला और नशा मुक्ति भारत अभियान अध्यक्ष अमित कश्यप ने आज इस सन्दर्भ में अपील की। देश के विभिन्न राज्यों के 272 जिलों का चयन नशा मुक्ति अभियान हेतु किया गया है जिसमें जिला शिमला सहित प्रदेश के मण्डी, कुल्लू और चम्बा जिला को शामिल किया गया है ।
उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को यह अभियान आरम्भ किया जाएगा जो कि सात महीने 15 दिनों तक जारी रखने के उपरान्त 31 मार्च 2021 को सम्पन्न होगा। कोरोना संकट काल के दौरान अधिक से अधिक लोगों को इसमें शामिल करने के लिए वर्चुअल तकनीक का सहारा लिया जाएगा। सोशल मिडिया के माध्यम से जहां विद्यार्थियों और शिक्षकों तक अभियान के माध्यम से पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। वहीं अभिभावकों से जुड़कर इसे संयुक्त रूप प्रदान करते हुए सबकी सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी ।
डीसी शिमला ने कहा कि इस सम्बन्ध में शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों की भूमिका अधिक सक्रिय है जिसके लिए परामर्श सत्रों के माध्यम से उनसे संवाद कायम किया जाना आवश्यक है । विभिन्न स्वंय सेवी संस्थाएं और परामर्श केन्द्र इसके लिए आगे बढ़कर अपना सहयोग प्रदान करें। इस दौर से बाहर निकले लोगों के अनुभव और संस्मरण सांझा कर विद्यार्थियों, अभिभावकों औऱ शिक्षकों को जागरूकता प्रदान करना अवश्यक है।
उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति भारत अभियान नशे की आपूर्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की अनिवार्यता और इसके दुष्प्रभाव बारे अध्यापकों, युवाओं तथा उनके अभिभावकों में जागरूकता लाने की अनिवार्यता तथा जो युवा नशे का आदी हो चुका है। उसकी पहचान, ईलाज और उसकी काउंस्लिंग आदि करने के लिए विभिन्न एंजेंसिंयो द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाने की अनिवार्यता पर आधारित है ।