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क़ैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों से महका गेयटी थियेटर शिमला

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश की जेलों में बंद क़ैदियों को समा़ से जोड़े के लिए विभाग द्वारा शुरू की गई 'हर हाथ को काम की पहल' देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बनी हुई है। प्रदेश के कारावासो में सजायाफ्ता बंदियों को रोजगार के अवसर के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश कारागार विभाग समाज के साथ जुड़ने का भी दे रहा है ताकि सजा पूरी होने के बाद बंदी समाज में खुद को असहज ना महसूस करें।

कैदियों की आर्थिक स्थिति सुधारने और प्रतिभा को प्रदर्शित करने के मक़सद से हिमाचल प्रदेश कारागार विभाग द्वारा शिमला के गेयटी थियेटर में कैदियों द्वारा निर्मित उत्पादों की एकदिवसीय प्रदर्शनी लगाई गई है। पुलिस अधीक्षक जेल ने बताया कि कैदियों द्वारा जेल के अन्दर बनाये गए हैंडलूम और खाद्य उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री एक दिन के लिए लगाई है। प्रदर्शनी का मकसद सजायाफ्ता बंदियों को रोजगार देना है ताकि वे सजा पूरी होने पर अपने आप को समाज में फिर से पुनर्स्थापित कर सके।

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश की जेलों में सजा काट रहे बंदी को रोजगार और सुधार के लिए कई तरह के कार्यक्रम शुरू किये गए हैं। जिससे कैदी सजा के दौरान भी अपने परिवार का पेट पाल रहे है और खुद को समाज से जुड़ा हूं भी महसूस कर रहे हैं।