<p>अवैध कब्जों को हटाने के प्रदेश हाईकोर्ट के सख़्त आदेशों के बाद नगर निगम शिमला की नींद एक बार फ़िर टूटी है। निगम ने आदेशों पर अमल करते हुए पूरी टीम लेकर शहर के रामबाजार और लोअर बाजार में अवैध कब्जे हटाए गए। निगम ने अवैध निर्माण को हटाने की मुहिम तेज कर दी है। प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम को दिवाली से पहले तुरंत अवैध निर्माण तोड़ने के आदेश दिए थे, लेकिन राजनीतिक दख़ल के चलते निगम अवैध निर्माण पर हाथ नहीं डाल रहा था।</p>
<p>नगर निगम शिमला के सहायक आयुक्त ओम प्रकाश ठाकुर का कहना है कि तय बाजारियों को यहां बैठने की जगह दी गई थी, लेकिन उन्होंने यहां प्लाई बोर्ड के ढांचे तैयार कर लिए। इन अवैध निर्माण को हटाने के नोटिस जारी किए गए। जब ये निर्माण नहीं हटाए गए तो निगम की टीम बुलाकर इनको हटाना पड़ा। कोर्ट के आदेशों के बाद निगम ये कार्रवाई कर रहा है जो जारी रहेगी। क्योंकि अवैध निर्माण से शिमला के रास्ते तंग हो गए हैं।</p>
<p>ऐसा पहली बार नहीं है कि शिमला में अवैध निर्माण पर इस तरह कार्रवाई की गई हो। इससे पहले भी कोर्ट के आदेशों पर इस तरह की कार्रवाई हो चुकी है। वैसे तो निगम को अवैध निर्माण से पहले ही सख़्त कदम उठाने चाहिए लेकिन अब निगम की नाकामी के बाद यदि कोर्ट के आदेश अवैध से ये काम हो रहा है। आदेशों के बाद छोटे अवैध निर्माण वालों तो कार्रवाई होती है लेकिन बड़ी मछलियों पर हाथ डालने से निगम भी डरता है।</p>
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